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ओडिशा में एक और ट्रेन हादसा, जाजपुर में 6 लोगों की मौत, बिना इंजन के दौड़ी मालगाड़ी

रेलवे ने बताया कि जाजपुर में क्योंझर रोड रेलवे स्टेशन के पास कुछ मजदूर काम कर रहे थे. आंधी तूफान की वजह से वह मालगाड़ी के नीचे छिप गए और हादसा हो गया.

ओडिशा में एक और ट्रेन हादसा, जाजपुर में 6 लोगों की मौत, बिना इंजन के दौड़ी मालगाड़ी

jajpur Road railway station

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डीएनए हिंदी: ओडिशा के बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट का जख्म अभी भरा भी नहीं था कि एक और घटना ने सबको चौंका दिया. ओडिशा के जाजपुर में क्योंझर रोड रेलवे स्टेशन पर बुधवार को एक मालगाड़ी से कटकर कम से कम 6 मजदूरों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. मजदूरों ने भारी बारिश से बचने के लिए खड़ी हुई मालगाड़ी के नीचे शरण ली थी कि तभी अचानक बिना इंजन के मालगाड़ी चल पड़ी और मजदूरों को उसके नीचे से निकलने का मौका नहीं मिला.

रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार शाम जाजपुर क्योंझर रोड रेलवे स्टेशन के पास रेलवे लाइन पर कुछ मजदूर काम कर रहे थे. तभी अचानक आंधी और तूफान आ गया. इससे बचने के लिए मजदूर बगल की रेल लाइन खड़ी एक मालगाड़ी के नीचे जा छिपे. लेकिन दुर्भाग्य से मालगाड़ी जिसमें इंजन नहीं लगा था वह चल पड़ी जिसके चपेट में कुछ मजदूर आ गए. 

उन्होंने कहा कि इस हादसे में छह मजदूरों की मौत हो गई और दो घायल हो गए. घायलों को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पूर्व तटीय रेलवे ने एक बयान में कहा, 'रेलवे के काम के लिए एक ठेकेदार द्वारा रखे गए ठेका मजदूरों ने जाजपुर क्योंझर रोड (स्टेशन) के पास आंधी और बारिश से सुरक्षा पाने के लिए खड़े डिब्बे के नीचे शरण ली. इसमें कहा गया कि तूफान के कारण बिना इंजन के खड़े डिब्बे चलने लगे और यह दुर्घटना हुई.

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बालासोर में 288 लोगों की गई थी मौत
यह घटना ओडिशा के बालासोर जिले में भीषण रेल हादसे के पांच दिन बाद हुई, जिसमें 288 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. जिनमें से कुछ लोग अभ भी अस्पताल में भर्ती हैं. यह हादसा इतना भयानक था कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. बाहानागा बाजार स्टेशन के पास हुए भीषण रेल हादसे के पांच दिन बाद गतिविधियां सामान्य होने की तरफ बढ़ रही हैं जहां कुछ यात्री आ रहे हैं तो इस छोटे से स्टेशन को देखने के लिए आम लोग भी आ रहे हैं. भीषण गर्मी के बाद भी लोग हाथों में मोबाइल कैमरा लिए घटनास्थल पर दुर्घटनाग्रस्त रेलगाड़ियों के अवशेष देखने पहुंच रहे हैं. रेलवे अधिकारियों ने दुर्घटना वाले क्षेत्र को हरे कपड़े से ढक दिया है, लेकिन पटरियों के किनारे कर दिए गए दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को आसानी से देखा जा सकता है. 

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