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महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंदे सरकार का बड़ा ऐलान, पुणे एयरपोर्ट का बदला जाएगा नाम

महाराष्ट्र सरकार ने आज कैबिनेट की मीटिंग में एक बड़ा फैसला लेते हुए पुणे एयरपोर्ट के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंदे सरकार का बड़ा ऐलान, पुणे एयरपोर्ट का बदला जाएगा नाम
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महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा फैसला लिया. सरकार ने पुणे के लोहगांव एयरपोर्ट का नाम बदलने की  प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अब इसे जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पुणे के नाम से जाना जाएगा. यह निर्णय आज हुई कैबिनेट की बैठक  में लिया गया. चुनावी जानकारों की मानें तो यह कदम वारकरी समुदाय को एक बड़ा तोहफा देने के उद्देश्य से उठाया गया है. 

दरअसल, नागरिक उड्डयन और सहकारिता के राज्य मंत्री और पुणे से सांसद मुरलीधर मोहोल ने इस नाम को लेकर प्रस्ताव रखा था. यह बताते हुए कि संत तुकाराम महाराज का जन्म लोहेगांव में हुआ था और उन्होंने अपना बचपन भी वहीं बिताया. इस प्रस्ताव के तहत एयरपोर्ट का नामकरण संत तुकाराम महाराज के सम्मान में किया जा रहा है, जो 17वीं शताब्दी के प्रमुख मराठी संत हैं. उनके योगदान और वारकरी संप्रदाय में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. बताते चलें कि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इससे पहले पुणे एयरपोर्ट का नाम बदलने को लेकर अपनी सहमति जता चुके हैं.

वारकरी वोट बैंक को साधने का प्रयास
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह कदम शिंदे सरकार का मास्टर स्ट्रोक हो सकता है. इस फैसले से वारकरी वोट बैंक को साधने का प्रयास किया जा रहा है. पिछले कुछ समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वारकरी समुदाय के कार्यक्रमों में भाग लिया है, जिससे यह समझा जा सकता है कि इस नामकरण की राजनीति राज्य में होने वाली विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

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केंद्र सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव 
इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तैयार किया गया था, जिसे कैबिनेट को भेजा गया. राज्य के कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. जहां केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इसकी मंजूरी मिलने की संभावना है. नागरिक उड्डयन और सहकारिता के राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है और आगे की प्रक्रिया के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

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