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'मत रहिए सरकार भरोसे, यह विषकन्या की तरह होती है' Nitin Gadkari ने क्यों कही ऐसी अनूठी बात

Nitin Gadkari हालिया समय में अपनी ही सरकार को घेरे में खड़ा करते हैं. विदर्भ में भी निवेशकों से बातचीत में एक तरीके से उन्होंने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है.

'मत रहिए सरकार भरोसे, यह विषकन्या की तरह होती है' Nitin Gadkari ने क्यों कही ऐसी अनूठी बात

Nitin Gadkari

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अक्सर अपने विचारों को सपाट तरीके से कहने के लिए जाने जाते हैं. महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में निवेश की कमी को लेकर उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है. नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान निवेशकों से बात कर रहे गडकरी ने सरकार को विषकन्या के सामान बताया है, जिसके भरोसे नहीं रहना चाहिए. नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि हाल ही में शुरू की गई महाराष्ट्र सरकार की 'लड़की बहिन योजना' से अन्य सेक्टरों को मिलने वाली सब्सिडी प्रभावित होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि निवेशकों को यह पता नहीं है कि उन्हें सब्सिडी समय पर मिलेगी या नहीं. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को इस योजना के लिए भी अलग से आवश्यक फंड मुहैया कराना होगा.

'सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए'

केंद्रीय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री ने विदर्भ के कारोबारियों से बात करते हुए उन्हें प्रेरित किया कि वे निवेश के लिए स्वयं आगे आएं और सरकार पर निर्भर न रहें. उन्होंने कहा,'उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहिए. मेरा मानना है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी की सरकार हो, हमें उससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए. सरकार विषकन्या होती है, जिसके साथ जाती है, उसे डुबो देती है.'

सब्सिडी को लेकर कह दी ये बात

गडकरी ने आगे कहा, 'यदि आपको सब्सिडी मिलती है तो उसे जरूर लें, लेकिन यह निश्चित नहीं है कि वह कब मिलेगी. सरकार की नीतियों का प्रभाव व्यवसायों पर पड़ता है. इसलिए निवेशक अपने निर्णय स्वयं करें.' उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने उनसे पूछा कि चार सौ पचास करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलनी है और टैक्स का पैसा भी जमा है. सब्सिडी कब तक मिलेगी? मैंने उसे जवाब दिया कि भगवान से प्रार्थना करो, क्योंकि इसकी कोई गारंटी नहीं है. जब आएगी तभी देखेंगे. अभी लाडली बहन योजना शुरू हो गई है, तो सब्सिडी का पैसा वहां भी देना पड़ रहा है.'

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लाडली बहन योजना से सरकार पर 46,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की आशंका

दरअसल, आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह योजना शुरू की गई है. इस योजना में 21 से 65 वर्ष की आयु की विवाहित, तलाकशुदा महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिए जाएंगे. हालांकि ये शर्त है कि  उनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा न हो. वित्त विभाग के अनुसार इससे राज्य के खजाने पर प्रति वर्ष 46,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ने की आशंका है. नितिन गडकरी का यह बयान निश्चित रूप से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है. निवेशकों के मन में सरकार की नीतियों को लेकर सवाल खड़े करा सकता है. उनकी चेतावनी और सुझाव व्यवसायियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश साबित हो सकते हैं, खासकर जब राज्य में महिलाओं के लिए नई सब्सिडी योजनाएं शुरू की गई हैं.

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