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Bharat Bandh 2024: X पर क्यों ट्रेंड हुआ '21 अगस्त भारत बंद', किससे जुड़ा है ये मुद्दा, जान लीजिए पूरी बात

Bharat Bandh 2024: आरक्षण बचाने के नाम पर कई संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद की घोषणा की है. इसका समर्थन मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी किया है. इसका आयोजन क्यों किया जा रहा है? चलिए ये हम आपको बताते हैं.

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Bharat Bandh 2024: पूरे देश में 21 अगस्त (बुधवार) को भारत बंद का आयोजन किया गया है. भारत बंद की घोषणा सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड कर रही है. इस आयोजन को आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति समेत कई संगठनों ने कर दिया है. इन संगठनों ने भी अपने-अपने प्रभाव वाले इलाकों में 21 अगस्त को भारत बंद आयोजित करने की बात कही है, अब इस आयोजन के समर्थन में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी उतर आी है. पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने अपने कार्यकर्ताओं से इस बंद को सफल बनाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जुटने की अपील की है. बसपा के बड़े और राष्ट्रव्यापी कैडर को देखते हुए इस बंद के सफल होने की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है. राजस्थान में भी सभी एससी-एसटी संगठनों ने इस बंद का समर्थन कर दिया है, जिसके बाद राज्य में आपसी टकराव की आशंका देखकर पुलिस की तैनाती मजबूत की गई है. उत्तर प्रदेश में भी पुलिस को बंद को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं.

क्या है बंद आयोजित करने का कारण

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को आरक्षण से जुड़ा एक ऐतिहासिक फैसला दिया था, जिसमें 'कोटे के अंदर कोटा' तय करने की छूट दी गई थी. इसके खिलाफ ही बंद का आयोजन किया गया है. इस बंद को वैसे तो आरक्षित जातियों के संगठनों ने समर्थन दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह समर्थन केवल उन जातियों की तरफ से दिया गया है, जो आरक्षित वर्ग में क्रीमीलेयर के तौर पर चिह्नित की गई हैं यानी जिन्हें आरक्षण का सबसे ज्यादा लाभ मिला है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ये जातियां अपने हितों के खिलाफ मान रही हैं.

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

दरअसल सुप्रीम कोर्ट की सांविधानिक पीठ ने 1 अगस्त को अपने फैसले में राज्यों को अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के अंदर भी सब-कैटेगरी तय करने की छूट दी थी. इस सब-कैटेगरी के तहत उन जातियों को चिह्नित किया जाना था, जो आरक्षण के लाभ से वंचित रही हैं यानी समाज का असली दबा-कुचला वर्ग हैं. इन जातियों को पहले से तय आरक्षण के अंदर अलग से कोटा तय कर हिस्सेदारी दी जानी थी. सुप्रीम कोर्ट बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि आरक्षण में उन्हें प्राथमिकता दी जाए, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है. इस फैसले से व्यापक बहस छिड़ गई है. इसी बहस के दौरान SC/ST जातियों के कथित 'क्रीमीलेयर' वर्ग ने सुप्रीम कोर्ट फैसले को आरक्षण की भावना के खिलाफ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग के साथ भारत बंद का आयोजन किया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर '21_अगस्त_भारत_बंद' ट्रेंड करने लगा है. 

राजस्थान-यूपी में किए जा रहे खास इंतजाम

राजस्थान और उत्तर प्रदेश में आरक्षित वर्ग के संगठनों ने इस में एससी/एसटी समूहों ने बंद को समर्थन दिया है. साथ ही बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं से इस बंद को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने के लिए कहा है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में पुलिस महानिदेशक यूआर साहू ने सभी जिलों मे तनाव रोकने के लिए पुलिस की तैनाती बढ़ाने को कहा है. साथ ही सभी एसपी को भारत बंद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संबंधित संगठनों और व्यापार संघों के साथ मीटिंग्स करने के लिए कहा है. सभी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिेए तैयारियों की समीक्षा भी की गई है. उत्तर प्रदेश में भी कानून-व्यवस्था की निगरानी करने और सतर्कता बनाए रखने का आदेश हुआ है. खासतौर पर पश्चिमी यूपी में हाई अलर्ट रखने के लिए कहा गया है.

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