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Hathras Satmpede: SIT ने दी 300 पेज की रिपोर्ट, सुप्रीम कोर्ट सुनेगा स्वतंत्र जांच की अर्जी, 5 पॉइंट्स में पढ़ें पूरी बात

Hathras Stampede Updates: सूत्रों के मुताबिक, विशेष जांच टीम (SIT) ने अपनी रिपोर्ट में 123 लोगों की मौत वाले हादसे के लिए आयोजकों के साथ ही अनुमति देने वाले अफसरों को भी दोषी माना है.

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Hathras Satmpede: SIT ने दी 300 पेज की रिपोर्ट, सुप्रीम कोर्ट सुनेगा स्वतंत्र जांच की अर्जी, 5 पॉइंट्स में पढ़ें पूरी बात

हाथरस हादसे पर नया दावा

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Hathras Stampede Updates: उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित सत्संग में मची भगदड़ के दौरान 123 लोगों की मौत होने के मामले में जांच रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. 2 जुलाई को हुए हादसे की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (SIT) ने राज्य सरकार को 300 पेज की सौंपी है, जिसमें आयोजकों के साथ ही अफसरों पर भी सवाल उठाए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी की रिपोर्ट में नारायण साकार विश्व हरि उर्फ सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है, जबकि उनके ही सत्संग का आयोजन किया जा रहा था. इस एसआईटी में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी. शामिल हैं. उधर, इस मामले की जांच स्वतंत्र आयोग से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट भी तैयार हो गया है. बता दें कि इस मामले में पुलिस ने साकार विश्व हरि के मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया है. मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. मधुकर के अलावा आयोजन समिति के 6 अन्य सदस्य भी गिरफ्तार किए गए हैं.

5 पॉइंट्स में जानिए एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में क्या लिखा है-

1. हादसे का खाका खींचने को लिए 150 से ज्यादा के बयान

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल करने से पहले हादसे के कारणों और उसकी परिस्थितियों का पूरा खाका खींचने की कोशिश की है. इसके लिए 150 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल के साथ ही सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ तथा दो जुलाई को हादसे के दौरान मौके पर ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी शामिल हैं. एसआईटी ने हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान लिए हैं. 


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2. हादसे के लिए बताया है इन लोगों को जिम्मेदार

सूत्रों के मुताबिक, SIT रिपोर्ट में हादसे के जिम्मेदार लोगों को चिह्नित किया गया है. इनमें सत्संग की आयोजन कमेटी के साथ ही कई अफसर भी शामिल हैं. एसआईटी ने कहा है कि आयोजन समिति ने क्षमता से अधिक लोगों को बुलाया, जबकि इतने लोगों को बुलाने की अनुमति नहीं थी. इसके अलावा इतने लोगों के हिसाब से इंतजाम भी नहीं किए गए. अनुमति देने वाले अफसर मौके पर मुआयना नहीं करने गए. इन सबके चलते ही भगदड़ मचते ही बड़ा हादसा हो गया. 


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3. 24 घंटे के बजाय 6 दिन लगे रिपोर्ट देने में

हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने SIT का गठन करते हुए 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी थी. इसके बावजूद रिपोर्ट दाखिल करने में 6 दिन लग गए हैं. अब यह जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने रखी जाएगी, जिसके बाद कई अफसरों पर गाज गिरने के आसार हैं. इसके अलावा सेवादारों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई करने की सिफारिश हो सकती है. कार्यक्रमों के आयोजन के लिए बनाई जा रही SOP में भी एसआईटी की तरफ से दिए गए पॉइंट्स को सुझाव की तरह शामिल किया जा सकता है.


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4. अभी न्यायिक आयोग भी कर रहा जांच, SDM दे चुके पहले ही रिपोर्ट

हाथरस हादसे में तीन स्तर पर जांच की गई है. जिलाधिकारी की तरफ से बैठाई गई मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट एसडीएम 24 घंटे के अंदर ही दाखिल कर चुके हैं. अब एसआईटी ने भी अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इसके अलावा अभी एक न्यायिक आयोग भी जांच कर रहा है, जिसमें हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव (रिटायर्ड) की अध्यक्षता में रिटायर्ड IPS अफसर भावेश कुमार सिंह और रिटायर्ड IAS अफसर हेमंत राव शामिल हैं. इस आयोग को भी 2 महीने के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपनी है. एसडीएम रविंद्र कुमार ने अपनी रिपोर्ट में हादसे के लिए साकार विश्व हरि बाबा के निजी सुरक्षाकर्मियों और सेवादारों को जिम्मेदार ठहराया था. एसडीएम ने लिखा था कि इन लोगों ने भीड़ के साथ धक्कामुक्की शुरू कर दी, जिससे कई लोग नीचे गिर गए और अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इससे मची भगदड़ के कारण लोग ढलान पर फिसलकर नीचे गिर गए और कुचले गए.


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5. सुप्रीम कोर्ट ने दिए स्वतंत्र जांच की अर्जी लिस्ट करने के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट हादसे की जांच एक स्वतंत्र आयोग से कराने की मांग की जा रही है. इसके लिए वकील विशाल तिवारी ने याचिकाकर्ता के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. मंगलवार को याचिकाकर्ता ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से इस याचिका पर जल्द सुनवाई करने की मांग की. इस पर CJI ने उन्हें बताया कि इस अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. इस अर्जी को लिस्ट करने के लिए रजिस्ट्री को पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं. लिस्ट होने के बाद इस पर सुनवाई की जाएगी.  

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