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PM Modi Oath Ceremony: UCC से Agniveer तक, JDU ने रखी है ये 4 मांग, BJP भी 3 मंत्रालय नहीं देने पर अड़ी

PM Modi Oath Ceremony: लोकसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद NDA ने तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर रखी है, लेकिन अभी तक गठबंधन के अंदर सारे मुद्दों पर सहमति बनती नहीं दिख रही है.

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PM Modi Oath Ceremony: लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA सरकार तीसरी बार शपथ ग्रहण करने की तैयारी में है. गठबंधन की एक बैठक हो चुकी है, जिसमें एक सुर से मोदी को ही पीएम पद का चेहरा घोषित किया जा चुका है. गठबंधन में भाजपा के बाद दोनों बड़ी पार्टियां TDP और JDU की तरफ से भी समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं. इसके बावजूद NDA के अंदर सभी मुद्दों पर सहमति बनती नहीं दिख रही है. सभी दलों की तरफ से गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी BJP के सामने अपनी-अपनी मांग रखी जा रही हैं. 7 जून को इसे लेकर शपथ ग्रहण से पहले एक बार फिर NDA की बैठक होने जा रही हैं. इस बीच सबसे ज्यादा पाला बदलने के लिए मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी JDU ने गुरुवार को 4 ऐसी मांग सार्वजनिक तौर पर सामने रख दी हैं, जो BJP के लिए असमंजस की स्थिति बना सकती हैं. उधर, मंत्रालयों के बंटवारे में भी सहयोगी दलों की तरफ से आ रही चॉइस के बीच भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सहयोगियों की अनावश्यक मांगों पर नहीं झुकेगी. देश की सुरक्षा से जुड़े मंत्रालय अपने ही पास रखेगी. इसके चलते भी गठबंधन के अंदर कलह शुरू हो सकती है.


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पहले जान लेते हैं JDU ने रखी हैं कौन सी 4 मांग

जनता दल यूनाइटेड (JDU) के महासचिव व प्रवक्ता केसी त्यागी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी ने अपना समर्थन बिना किसी शर्त के दिया है. 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर भी हमारा पूरा समर्थन है. लेकिन चार मांग ऐसी है, जिन पर हम चाहते हैं कि विचार किया जाए. त्यागी की तरफ से बताई गई इन चार मांगों पर ही JDU और BJP अलग-अलग पाले में खड़े दिख रहे हैं. ये चार मांग निम्न हैं-

  1. समान नागरिक संहिता (UCC): केसी त्यागी ने कहा कि हम UCC के विरोध में नहीं हैं, लेकिन हमारी मांग है कि इस पर सभी पक्षों की बात सुनकर फैसला लिया जाए. सभी सहितधारकों को साथ लेकर उनके विचार समझने की जरूरत है. नीतीश कुमार पहले ही विधि आयोग को चिट्ठी लिखकर कह चुके हैं कि हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है.
  2. अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme): त्यागी ने अग्निवीर योजना का रिव्यू करने की जरूरत बताई है. उन्होंने कहा,'अग्निवीर योजना को लेकर बड़े तबके में असंतोष है. इसका बेहद विरोध हुआ है और चुनाव में भी उसका असर दिखा है. जो सेना में तैनात थे, उनके परिवारों ने भी मेरे हिसाब से चुनाव में इसका विरोध किया है. इसलिए इसमें नए सिरे से विचार करने की जरूरत है.'
  3. बिहार को विशेष दर्जा: त्यागी ने कहा,'हम लंबे समय से बिहार में पलायन रोकने के लिए उसे विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. इससे बिहार में नई इंडस्ट्रीज और निवेश आएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार पैदा होंगे और विकास होगा. कोई शर्त नहीं है. हमने बिना शर्त समर्थन दिया है, लेकिन बिहार को विशेष दर्जा ऐसा मुद्दा है, जो हमारे दिलों में है.'
  4. जातीय जनगणना (Caste Survey): त्यागी ने कहा,' किसी भी पार्टी ने जातीय जनगणना का विरोध नहीं किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी सर्वदलीय बैठक में इससे इंकार नहीं किया था. जाति आधारित जनगणना वक्त की मांग है. बिहार ने रास्ता दिखा दिया है और हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी पेश करते रहेंगे.'

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भाजपा किसी पार्टी को नहीं देगी ये मंत्रालय

NDA के सहयोगी दलों की तरफ से आ रही मंत्रालयों को लेकर मांगों के बीच भाजपा ने स्पष्ट किया है कि वो सहयोगी दलों की अनावश्यक मांगों के आगे नहीं झुकेगी. गठबंधन नियमों के तहत ही काम किया जाएगा. साथ ही यह भी कहा गया है कि पार्टी सुरक्षा से जुड़े मंत्रालय किसी को नहीं देगी. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, नई सरकार में गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और देश की वित्तीय सुरक्षा से जुड़ा वित्त मंत्रालय पार्टी किसी दूसरे दल को नहीं देगी. ये तीनों मंत्रालय भाजपा अपने पास ही रखेगी.' 


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सहयोगी दलों ने मांगे हुए हैं ये मंत्रालय

  • 12 लोकसभा सीटों वाली JDU ने भाजपा से तीन मंत्रालय देने की मांग की है. इनमें कृषि, रेलवे और वित्त मंत्रालय शामिल है.
  • 16 सीटों वाली TDP ने 3 कैबिनेट मंत्री पद व 2 राज्यमंत्री पद मांगे हैं. पार्टी ने रोड ट्रांसपोर्ट, अर्बन हाउसिंग और रूरल डेवलपमेंट जैसे मंत्रालय मांगे हैं.
  • शिवसेना ने 7 सीटें जीती हैं, 1 कैबिनेट और एक राज्यमंत्री पद उसकी भी इच्छा है.
  • 5 सीट वाली लोक जनशक्ति रामविलास भी 1 कैबिनेट मंत्री पद चाहती है.
  • 1 सीट जीतने वाले HAM के जीतनराम मांझी भी पार्टी के लिए मंत्री पद चाहते हैं.
  • 2 सीटें जीतने वाली JDS भी कम से कम एक मंत्री पद चाहती है.
  • 2 ही सीटें राष्ट्रीय लोकदल ने भी जीती हैं, उसकी भी इच्छा एक मंत्री पद की है.

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