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RBI Gold Storage: 31 साल बाद ब्रिटेन से 100 टन गोल्ड वापस लाया RBI, जानिए क्यों रख दिया गया था 1991 में गिरवी

RBI Gold Storage: भारतीय रिजर्व बैंक इस सोने को स्पेशल एयरक्राफ्ट से वापस लेकर आया है, जिसे मुंबई में RBI ऑफिस और नागपुर स्थित वॉल्ट में हाई सिक्योरिटी के बीच रखा जाएगा.

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RBI Gold Storage: 31 साल बाद ब्रिटेन से 100 टन गोल्ड वापस लाया RBI, जानिए क्यों रख दिया गया था 1991 में गिरवी

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RBI Gold Storage: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने विदेशों में जमा अपने सोने को देश में वापस लाना शुरू कर दिया है. साल 1991 में ब्रिटेन में तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा सोना गिरवी रखने के बाद पहली बार RBI ने वहां से 100 टन सोना वापस मंगाया है. पिछले 31 साल में यह पहला मौका है, जब इतनी बड़ी मात्रा में रिजर्व बैंक अपना सोना वापस लाया है. यह सोना ब्रिटेन में बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank Of England) और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास रखा था, जहां RBI अपने सोने के भंडार का आधा हिस्सा रखता है. हालांकि इसके बदले में आरबीआई को इन बैंकों को स्टोरेज फीस देनी पड़ती है. इस सोने को गिरवी रखने के बाद पहली बार आरबीआई ने अपने स्टॉक का हिस्सा बनाया है.


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कहां रखा जाएगा इतनी बड़ी मात्रा में सोना?

आरबीआई ने ब्रिटेन से 100 टन यानी करीब 1,000 किलोग्राम सोना वापस लाया है. यह सोना आरबीआई के मिंट रोड पर मौजूद पुराने ऑफिस में और नागपुर स्थित RBI वॉल्ट्स में रखा गया है, जहां रिजर्व बैंक अपने सोने के भंडार का एक तिहाई हिस्सा हाई सिक्योरिटी की निगरानी में रखता है. 


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किस तरह लाया गया है भारत में यह सोना

ब्रिटेन से सोना भारत लाने के लिए वित्त मंत्रालय, आरबीआई और सरकार के कई अन्य डिपार्टमेंट्स ने साथ मिलकर काम किया है. सोना हाई सिक्योरिटी के बीच एक स्पेशल एयरक्राफ्ट में वापस लाया गया है. इसके लिए केंद्र सरकार ने आरबीआई को इस सोने पर सीमा शुल्क में छूट मिली है, लेकिन उसे इंटिग्रेटिड GST देना पड़ा है. 


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केंद्रीय बैंकों के पास दुनिया का 17 फीसदी सोना, कितनी है भारत की हिस्सेदारी

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया था कि साल 2023 के अंत तक केंद्रीय बैंकों के पास दुनिया के कुल सोने का लगभग 17 फीसदी हिस्सा है. यह गोल्ड स्टॉक करीब 36,699 मीट्रिक टन से ज्यादा है. यदि इसमें भारतीय रिजर्व बैंक की हिस्सेदारी की बात की जाएं तो उसके पास करीब 822.10 टन सोना है. RBI ने 31 मार्च, 2024 को यह जानकारी देते हुए बताया था कि विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में मौजूद यह सोना पिछले साल यानी 2023 में 31 मार्च को 794.63 टन था. मुद्रा जोखिम से बचने के लिए आरबीआई दिसंबर, 2017 से लगातार सोने में निवेश कर रहा है. अप्रैल, 2024 के अंत में देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 8.7 फीसदी हो चुकी है.

गिरवी ही नहीं सुरक्षा के लिए भी विदेशों में रखा है सोना

भारत के आर्थिक संकट में फंसने पर साल 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 4 से 8 जुलाई 1991 के बीच बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था. हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक के कुल गोल्ड स्टॉक का करीब 50 फीसदी हिस्सा विदेशों में ही जमा है. इसमें केवल गिरवी रखा सोना ही नहीं है, बल्कि देश में किसी आपदा या राजनीतिक उलटफेर से गृह युद्ध जैसी स्थितियों में सुरक्षा के नजरिये से भी आरबीआई ने अपना सोना विदेश में रखा है. दरअसल किसी प्राकृतिक आपदा में सोने के भंडार को नुकसान हो सकता है. इस कारण पूरा सोना एक ही जगह ना रखकर अलग-अलग जगह स्टॉक किया जाता है.

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