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व्हाट्सएप कॉल में नहीं दिखेगा IP Address, इस फीचर से साइबर अपराधियों के लिए Safe Heaven बनेगा मैसेजिंग प्लेटफार्म

Whatsapp call features latest News: व्हाट्सएप के जरिये कॉलिंग करने का चलन पिछले दिनों भारत में बेहद बढ़ गया है. इसका उपयोग अपराधी भी कर रहे हैं. इसी के खतरों पर शिवांक मिश्रा की ये रिपोर्ट.

व्हाट्सएप कॉल में नहीं दिखेगा IP Address, इस फीचर से साइबर अपराधियों के लिए Safe Heaven बनेगा मै��सेजिंग प्लेटफार्म

Whatsapp Call

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डीएनए हिंदी: Whatsapp Protect IP Addresss in Call- मैसेजिंग के लिए मौजूदा समय में सबसे ज्यादा पॉपुलर प्लेटफॉर्म Whatsapp को माना जाता है. अब कॉलिंग के लिए भी इस प्लेटफॉर्म का उपयोग जमकर होने लगा है, लेकिन यदि इस प्लेटफॉर्म का उपयोग कोई आपके साथ फ्रॉड करने के लिए करे और व्हाट्सएप के कुछ खास फीचर्स के कारण आप उस फ्रॉड आदमी को पकड़ भी ना सकें तो आपको कैसा लगेगा. ऐसा ही होने जा रहा है, क्योंकि ऑनलाइन मैसेंजर Whatsapp ने कुछ दिन पहले गुपचुप तरीके से कॉल (Whatsapp Call) के दौरान IP Address छुपाने का एक नया फीचर लांच किया है. इस नए फीचर का नाम है Protect IP address in Call.  इस फीचर के लॉन्च होते ही देश भर के कई साइबर विशेषज्ञ ना सिर्फ इसके विरोध में खड़े हो गए हैं बल्कि इसे साइबर अपराधियों और आतंकियों के लिए फायदे का सौदा भी बात रहे हैं.

क्या कह रहे हैं व्हाट्सएप कॉल को लेकर एक्सपर्ट

Whatsapp कॉल की तकनीक पर ज़ी न्यूज के साथ बातचीत करते हुए साइबर विशेषज्ञ सनी नेहरा ने ज़ी न्यूज को बताया कि Whatsapp पर ऑडियो कॉल हो या वीडियो कॉल, दोनो IP to IP कॉल होती हैं. इसमे कॉल करने वाला अपने IP Address से दूसरे व्यक्ति के IP Address पर कॉल करता है. फोन के मेटा डेटा में कॉल करने वाले का IP Address सेव भी हो जाता है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के साथ Whatsapp कॉल के माध्यम से साइबर फ्रॉड होता है तो जांच एजेंसियां पीड़ित के फोन से साइबर अपराधी का IP address लेकर उसे पकड़ लेती हैं. लेकिन अब Whatsapp के नए "Protect IP address in Call" फीचर से कॉल पहले कॉल करने वाले के IP address से Whatsapp के सर्वर पर जाएंगी. वहां से जिसे कॉल किया गया है, उसके पास जाएंगी. इस काम में वैसे तो कुछ मिलीसेकंड का ही समय लगेगा, लेकिन इससे जिसे कॉल किया गया है, उसके फोन के मेटा डेटा में कॉल करने वाले के बजाए Whatsapp का IP Address सेव होगा.  इसके चलते Whatsapp कॉल के माध्यम से साइबर अपराध होने पर जांच एजेंसियों को Whatsapp से संपर्क करके जानकारी मांगनी होगी, जिसमें हफ्तों से महीनों तक का समय लगेगा.

ऐसे फीचर के कारण ही टेलीग्राम पर सबसे ज्यादा साइबर फ्रॉड

भारत की कई जांच एजेंसियों को साइबर फोरेंसिक की ट्रेनिंग देने वाले देश के जाने माने साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे भी व्हाट्सएप के इस नए फीचर का विरोध कर रहे हैं. साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे के मुताबिक कॉल के दौरान IP Address छुपाने का फीचर पहले से टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्म पर मौजूद है और यही कारण है कि ये प्लेटफार्म आज साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा गढ़ बना हुआ है. ऐसे में व्हाट्सएप द्वारा भी Privacy के नाम जारी किए गए इस फीचर से Whatsapp भी ना सिर्फ साइबर अपराधियों का एक बड़ा गढ़ बन जाएगा बल्कि जांच एजेंसियों के लिए भी इन तक पहुंचने में कठिनाई होगी.

71 लाख गैरकानूनी अकाउंट्स हटाए हैं व्हाट्सएप ने

Whatsapp द्वारा इसी महीने जारी की गई Monthly Transparancy Report के मुताबिक, Whatsapp ने 1 अगस्त से 31 अगस्त तक भारत के 71 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को हटाया था, जो उसके प्लेटफार्म का प्रयोग गैरकानूनी काम के लिए करते थे. ऐसे में साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे की माने तो Whatsapp द्वारा IP Address को छिपाने के फीचर की वजह से Whatsapp कॉल के माध्यम से ना सिर्फ साइबर अपराध और बढ़ेगा बल्कि साइबर अपराधी भी बेखौफ हो जाएंगे.

पहले से ही व्हाट्सएप का कामकाज संशय के घेरे में

वैसे भारत सरकार कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से Whatsapp पर प्राइवेसी का हवाला देकर जांच एजेंसियों का सहयोग ना करने का आरोप लगा चुकी है. ऐसे में साइबर विशेषज्ञ सनी नेहरा के मुताबिक Whatsapp द्वारा लॉन्च किए गए Protect IP address in Call फीचर से जांच एजेंसियां अपराधी को ट्रैक करने का जो काम मिनटों में कर लेती थी, उस काम के लिए जांच एजेंसियों को महीने तक का समय लगेगा क्योंकि व्हाट्सऐप अपराधियों तक की जानकारी जांच एजेंसियों को सौंपने में कई हफ्तों का समय लगाता है.

क्या होता है IP Address

बताते चलें कि IP Address यूजर के मोबाइल नेटवर्क यानी होस्ट और इंटरनेट के बीच एक 12 अंकों का यूनिक एड्रेस यानी डिजिटल पता होता है जिसका उपयोग डिवाइस आपस में कम्युनिकेशन के लिए करते हैं.  इस IP ADDRESS के माध्यम से व्यक्ति के नेटवर्क प्रोवाइडर से लेकर व्यक्ति किस स्थान पर पर मौजूद है इसके बारे में भी पता लगाया जा सकता है और यह साइबर FORENSIC जगत का बेहद खास टूल है,जिससे जांच एजेंसियां साइबर जगत में अपराध करने वालों तक पहुंचती हैं. 

Whatsapp द्वारा Protect IP address in Call फीचर को लॉन्च करने के बाद भी व्हाट्सएप ने भी अब तक कोई जानकारी आधिकारिक रूप से यूजर्स के लिए साझा नहीं की है और जब ज़ी न्यूज ने Whatsapp से उसका इस फीचर पर पक्ष मांगा था तो अब तक 2 दिन बीत जाने के बावजूद Whatsapp ने कोई जवाब Zee news को नहीं दिया है.

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