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कौन हैं IPS Jaspreet Singh, जिन्हें Sandeshkhali में खालिस्तानी कहने पर हो गया है राजनीतिक विवाद

Who is IPS Jaspreet Singh: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली कांड के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान आईपीएस अफसर जसप्रीत सिंह को कथित तौर पर खालिस्तानी कह दिया गया. इसे लेकर वे बेहद नाराज हो गए थे. अब यह राजनीतिक विवाद बन गया है. 

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कौन हैं IPS Jaspreet Singh, जिन्हें Sandeshkhali में खालिस्तानी कहने पर हो गया है राजनीतिक विवाद
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Who is IPS Jaspreet Singh: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी दल भाजपा (BJP) एक-दूसरे के खिलाफ हर मुद्दे को तूल दे रहे हैं. पश्चिमी बंगाल के संदेशखाली (Sandeshkhali) में टीएमसी नेता शाहजहां शेख (Shah Jahan Sheikh) पर स्थानीय दलित महिलाओं की तरफ से लगाए गए दुष्कर्म और वसूली के आरोपों ने हंगामा खड़ा कर रखा है. ED अफसरों के साथ मारपीट से चर्चा में आए शाहजहां शेख के खिलाफ इस संदेशखाली कांड (Sandeshkhali Incident) को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बना रखा है, जबकि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) अपने नेता का बचाव कर रही हैं. 

ऐसे में ममता को भी एक ऐसा मुद्दा मिल गया है, जो भाजपा के लिए पंजाब और उत्तर प्रदेश तक में मुश्किल का सबब बन सकता है. दरअसल संदेशखाली में तैनात IPS अफसर जसप्रीत सिंह (IPS Jaspreet Singh) ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेताओं ने उन्हें खालिस्तानी कहा है. इसे लेकर उनकी भाजपा नेताओं से जमकर नोकझोंक हुई है. आईपीएस अफसर ने भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी है. शाहजहां शेख के मामले में बैकफुट पर दिख रही टीएमसी ने इस मुद्दे पर भाजपा को घेर लिया है और अब इसे लेकर राजनीतिक विवाद गर्मा गया है.

हरियाणा के मूल निवासी हैं जसप्रीत सिंह

इस विवाद के कारण आईपीएस अफसर जसप्रीत सिंह बेहद चर्चा में आ गए हैं. हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है. आइए आपको बताते हैं कि आईपीएस अफसर जसप्रीत सिंह कौन हैं? पश्चिम बंगाल कैडर के 2016 बैच के IPS अफसर जसप्रीत सिंह मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने UPSC Exam-2015 में 638वीं रैंक हासिल की थी. इस समय पश्चिम बंगाल पुलिस की इंटेलिजेंस ब्रांच में स्पेशल सुपरिटेंडेंट पद पर तैनात जसप्रीत सिंह इससे पहले इस्लामपुर के पुलिस अधीक्षक के तौर पर तैनात थे. वह बिधानगर पुलिस जोन के भी डिप्टी कमिश्नर रह चुके हैं. रायगंज के एडिशनल एसपी भी रह चुके जसप्रीत सिंह सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टास्क फोर्स के भी एसपी भी रह चुके हैं.

ममता बनर्जी ने भी शेयर किया है विवाद

जसप्रीत सिंह की संदेशखाली जा रहे भाजपा नेताओं को रोकने के दौरान उनसे बहस हुई थी. आरोप है कि इस दौरान भाजपा के नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने उन्हें कथित तौर पर खालिस्तानी कहा है. हालांकि जसप्रीत सिंह ने सुवेंदु का नाम नहीं लिया है. उन्होंने महज इतना कहा कि मैं किसी के धर्म की बात नहीं कर रहा तो मेरे धर्म के बारे में लोग क्यों कह रहे हैं. मैं इस पर एक्शन लूंगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जसप्रीत और भाजपा नेताओं के बीच की बहस का वीडियो अपने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल से शेयर किया है और भाजपा पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया है. 

क्यों हो रहा है संदेशखाली में विवाद?

संदेशखाली में 5 जनवरी को राशन घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में ईडी टीम छापा मारने गई थी. इस दौरान ईडी टीम ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के घरों पर छापा मारा था. शेख ने ईडी टीम को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की थी. इसके बाद से ही शेख फरार है. अचानक 8 फरवरी को संदेशखाली की आदिवासी महिलाओं ने शेख के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. शेख पर महिलाओं से जबरन वसूली करने, उनकी जमीनों पर कब्जा करने और महिलाों को पार्टी ऑफिस बुलाकर उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया है. ये महिलाएं तब से लगातार प्रदर्शन कर रही हैं. यह प्रदर्शन हिंसक भी हो चुका है, जिसमें घरों में आग लगाने तक की घटनाएं हो चुकी हैं. भाजपा इन महिलाओं का साथ दे रही है, जबकि ममता बनर्जी भगवा दल पर इस मुद्दे को जबरन तूल देने का आरोप लगा रही हैं.

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