Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

NASA DART मिशन: स्पेस एजेंसी नासा ने कर दिया कंफर्म- टक्कर के बाद बदल गई एस्टेरॉइड की दिशा

NASA DART MISSION: नासा ने कहा है कि 26 सितंबर को सैटेलाइट DART और एस्टेरॉइड डिमोरफोस की जो टक्कर करवाई गई थी, वह मिशन सफल रहा है.

NASA DART मिशन: स्पेस एजेंसी नासा ने कर दिया कंफर्म- टक्कर के बाद बदल गई एस्टेरॉइड की दिशा

26 सितंबर को हुई थी टक्कर

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने अंतरिक्ष में मौजूद एक एस्टेरॉइड की दिशा बदल दी है. इसके लिए भेजा गया नासा का DART मिशन सफल हो गया है. नासा ने पुष्टि की है कि DART सैटेलाइट और एस्टेरॉइड डिमोरफोस (Dimorphos) की टक्कर के बाद  इसके ऑर्बिट में 32 मिनट का अंतर आ गया है. यानी टक्कर का मकसद पूरा हुआ है और अब यह एस्टेरॉइड दूसरे रास्ते पर चला गया है. नासा ने यह परीक्षण किया था, ताकि आने वाले समय में धरती की ओर आने वाले एस्टेरॉइड को गिरने से रोका जा सके या उनकी दिशा में बदलाव किया जा सके.

नासा ने बताया है कि सैटेलाइट डार्ट, डिमोरफोस से जाकर टकराया जिससे उसमें एक गड्ढा बना गया.  इस गड्ढे से निकला मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और धूमकेतु की तरह हजारों मील लंबी धूल और मलबे की रेखा बन गई. नासा ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट की टक्कर के असर को आंकने के लिए दूरबीन से कई दिनों तक निगरानी की गई, ताकि पता चल सके कि 520 फीट लंबे इस एस्टेरॉइड के रास्ते में कितना बदलाव हुआ है.

यह भी पढ़ें- UFO क्या होता है? क्या इससे सच में 'कोई मिल गया' जैसा जादू धरती पर आ सकता है? 

आर्बिट के समय में हुआ 32 मिनट का बदलाव
सैटेलाइट की टक्कर से पहले यह एस्टेरॉइड अपने ग्रह का चक्कर लगाने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लेता था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन्होंने इसमें 10 मिनट की कमी की लेकिन नासा का मानना है कि यह कमी 32 मिनट की है. गौरतलब है कि इस सैटेलाइट को पिछले साल भेजा गया था. दो हफ्ते पहले ही यह सैटेलाइट करीब 1.10 करोड़ किलोमीटर दूर 22,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमने वाले एस्टेररॉइड से टकराया.

यह भी पढ़ें- खत्म हो गया मंगलयान का 'तेल', अब काम करेगा या नहीं? जानिए सब कुछ

नासा ने यह भी साफ किया है कि स्पेस में हुई इस टक्कर और उसके बाद ऑर्बिट में हुए बदलाव का पृथ्वी पर कोई असर नहीं पड़ना है. नासा की तैयारी है कि इस परीक्षण के बाद उसे यह समझ आएगा कि धरती पर गिरने वाले उल्का पिंडों और एस्टेरॉइड को कैसे रोका जा सकता है या उनकी दिशा में बदलाव कैसे और कितना किया जा सकता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement