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James Webb ने दिखाई वरुण ग्रह की शानदार तस्वीर, स्पेस में मिला सैकड़ों छल्लों वाला 'तारा'

Space Science News In Hindi: अंतरिक्ष में एक ऐसे तारे की खोज की गई है जिसके चारों ओर 30 से ज्यादा रिंग हैं जिनका आकार शनि ग्रह से 200 गुना ज्यादा है.

James Webb ने दिखाई वरुण ग्रह की शानदार तस्वीर, स्पेस में मिला सैकड़ों छल्लों वाला 'तारा'

शनि ग्रह से 200 गुना बड़ी हैं रिंग्स

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डीएनए हिंदी: जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Telescope) ने कुछ और शानदारी तस्वीरें शेयर की हैं. हमारे सौर मंडल के बाहरी सिरे से खींची गई इन तस्वीरों में वरुण (Neptune) ग्रह को साफ-साफ देखा जा सकता है. वरुण ग्रह और उसके चारों ओर बने छल्लों की ऐसी तस्वीरें इससे पहले कभी नहीं देखी गई हैं. कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें सूरज जैसा एक तारा J1407 देखा गया है. इस तारे के चारों और एक-दो नहीं बल्कि 30 छल्ले हैं. यह तारा शनि (Saturn) ग्रह और उसके छल्लों की तुलना में 200 गुना ज्यादा बड़ा है. 

इस तारे की खोज यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर में काम करने वाले अंतरिक्ष यात्री एरिक ममाजेक और उसके सहयोगियों ने की है. पहली बार हमारे सौर मंडल से बाहर के किसी ग्रह/तारे के चारों ओर इस तरह की रिंग की खोज की गई है. हालांकि, इसकी पुष्टि एक दशक पहले साल 2012 में ही हो गई थी. डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि इस तारे के चारों ओर 30 से ज्यादा रिंग हैं. इन रिंग्स का व्यास 10 मिलियन से ज्यादा किलोमीटर का है. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा है, 'अगर हम J1407b और शनि ग्रह की रिंग्स को रिप्लेस कर सकें तो इन्हें रात के समय आराम से देखा जा सकता है. यह पूरे चांद से भी ज्यादा बड़ा दिखाई दे सकता है.'

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कुछ ऐसा दिखता है वरुण ग्रह

शनि और बृहस्पति से भी कई गुना बड़ा है साइज़
इसकी खोज करने वाले वैज्ञानिक एरिक ने इसे 'Super Saturn' नाम दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि इसका आकार सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रहों बृहस्पति या शनि से काफी ज्यादा है. इसके अलावा, इसके चारों ओर की रिंग भी शनि ग्रह के चारों ओर दिखने वाली रिंग से लगभग 200 गुना ज्यादा बड़ी हैं. हालांकि, अभी इसके ग्रह या तारा होने के मामले में पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, ये रिंग्स इतनी बड़ी हैं कि सूरज की तरह चमकने वाले इस तारे को भी कई-कई दिनों तक ढके रहती हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले लाखों-करोड़ों सालों में ये रिंग्स पतली होती जाएंगी और समय के साथ गायब भी हो जाएंगी. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यही रिंग्स आगे चलकर सैटलाइट में बदल जाती हैं.

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