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Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पर तीन रंग के कपड़ों में लपेटकर क्यों चढ़ाया जाता है नारियल, जानिए क्या है इसके पीछे का रहस्य

Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम मंदिर में लाल, पिले और काले कपड़े में नारियल लपेटकर अर्जी लगाई जाती है, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पर तीन रंग के कपड़ों में लपेटकर क्यों चढ़ाया जाता है नारियल, जानिए क्या है इसके पीछे का रहस्य

बागेश्वर धाम पर तीन रंग के कपड़ों में लपेटकर क्यों चढ़ाया जाता है नारियल? 

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डीएनए हिंदीः पिछले कुछ दिनों से बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) चर्चा में है. यह मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित है (Madhya Pradesh, Chhatarpur) जहां पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दरबार लगाते है. कहा जाता है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री प्रसिद्ध कथावाचक रामभद्राचार्य (katha Vachak Rambhadracharya) के प्रिय शिष्यों में से एक है. मान्यता है कि बागेश्वर धाम में जो भी श्रद्धालु अपनी अर्जी लगाते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्‍हें हर कष्‍ट से मुक्ति मिलती है. आचार्य धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) यहां पर भगवान बालाजी का दरबार लगाते हैं और अनजान लोगों को उनके नाम से बुलाकर एक पर्ची में लोगों की समस्‍या भी लिख देते हैं. तो आइए जानते हैं बागेश्वर धाम Balaji Bageshwar Dham) से जुड़ी कुछ खास बातें. 

क्या है बागेश्वर धाम मंदिर का इतिहास (History Of Bageshwar Dham In Hindi)

बागेश्वर धाम मंदिर बालाजी का पुराना चमत्‍कारिक मंदिर है. यहां पर हनुमान जी के सामने भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा मौजूद है. कहा जाता है कि 20 से 30 साल पहले करीब 1986 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था. जिसके बाद वर्ष 1987 में यहां संत सेतु लालजी महाराज का आगमन हुआ, जो आचार्य धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री के दादा जी थे. साल 2012 में श्रद्धालुओं की समस्‍या का निराकरण करने के लिए दरबार लगाया जाने लगा. जिसके बाद वर्ष 2016 में बागेश्वर धाम में भूमि पूजन हुआ और फिर भगवान बालाजी का यह धाम समस्‍याओं के निराकरण के लिए प्रसिद्ध हो गया. 

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ऐसे लगाई जाती है अर्जी (Bageshwar Dham Me Arji Kaise Lagaye)

इस मंदिर में मंगलवार को भक्‍तों की भीड़ उमड़ती है और लोग बालाजी के दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं. यहां पर पर्ची लगाने की प्रक्रिया बेहद सरल है. इसके लिए आपको  यहां एक पर्ची पर अपनी समस्‍या लिखकर उसे लाल कपड़े में नारियल के साथ बांधकर मंदिर परिसर में रखना होता है.  बालाजी के इस प्रसिद्ध मंदिर में आपको लाल, पीले और काले कपड़े में बंधे हुए नारियल मिल जाएंगे.

 मान्यता है कि अगर आपकी अर्जी सामान्य है, तो लाल कपड़े में नारियल बांधें इसके अलावा अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को पीले कपड़े में बांधें और अगर अर्जी प्रेत बाधा से जुड़ी है तो नारियल को काले कपड़े में बांधकर रखना चाहिए. यह भी कहा जाता है कि अगर आप यहां आकर अर्जी नहीं लगा सकते तो अपने घर पर ही पूजास्‍थल में नारियल के साथ अपनी अर्जी लगा सकते हैं. कहा जाता है कि घर पर लगी अर्जी भी बालाजी सुन लेते हैं.

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 अर्जी स्‍वीकार हुई या नहीं ऐसे लगाएं पता

आचार्य धीरेंद्र शास्‍त्री के अनुसार अगर आपने सच्‍ची श्रद्धा से अर्जी लगाई है और आपकी अर्जी स्‍वीकार हो गई है तो आपको सपने में लगातार 2 दिन तक बंदर दिखाई देंगे. केवल एक दिन बंदर दिखाई दें तो यह माना जाता है कि अर्जी पहुंच चुकी है. वहीं अर्जी के स्‍वीकार होने पर घर के किसी सदस्‍य को सपने में 2 दिन तक लगातार बंदर दिखाई देंगे. इसके अलावा अगर आपकी अर्जी स्‍वीकार न हुई हो यानी कि आपको सपने में बंदर न दिखें तो फिर से मंगलवार को ये उपाय कर सकते हैं. कहा जाता है कि इन उपायों को 2 से 3 मंगलवार तक दोहराने से आपकी अर्जी अवश्‍य स्‍वीकार होगी. 

कैसे पहुंचे बागेश्वर धाम 

अगर आप बागेश्वर धाम जाने की सोच रहे हैं तो आप सड़क मार्ग, ट्रेन या हवाई मार्ग से यहां तक पहुंच सकते हैं. भोपाल से बागेश्वर धाम की दूरी करीबन 365 किलोमीटर है. जिन लोगों की ट्रेन से जाने की इच्छा है, वे बागेश्वर धाम छतरपुर रेलवे स्टेशन या फिर खजुराहो रेलवे स्टेशन से यहां पहुंच सकते हैं. रेलवे स्‍टेशन से धाम तक के लिए आपको टैक्सी या बस बेहद आसानी से मिल जाएगी. सड़क मार्ग से इस मंदिर में जाना है तो उसके लिए सबसे पहले आपको खजुराहो आना होगा, यहां से पन्‍ना रोड पर पन्ना गंज नाम के छोटे से कस्बे से 35 किमी दूर तय करने पर आप बागेश्वर धाम पहुंच जाएंगे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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