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कन्हैया ने क्यों और कब तोड़ी थी अपनी प्रिय बांसुरी? आप जानते हैं इसके पीछे की वजह

Lord Krishna: श्रीकृष्ण को बांसुरी भगवान शिव से उपहार स्वरूप मिली थी. भगवान शिव ने इसे महर्षि दधीची की हड्डियों से बनाया था.

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कन्हैया ने क्यों और कब तोड़ी थी अपनी प्रिय बांसुरी? आप जानते हैं इसके पीछे की वजह

Lord Krishna

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डीएनए हिंदीः भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) को बांसुरी बजाने का बहुत ही शौक था. वह अपने बालपन से ही कई लीलाएं करते आए हैं. मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि उन्हें अपनी बांसुरी (Lord Krishna Bansuri) बहुत ज्यादा प्रिय थी. कृष्ण जी की बांसुरी (Lord Krishna Bansuri) का नाम महानंदा या सम्मोहिनी था. उन्हें यह बांसुरी (Lord Krishna Bansuri) भगवान शिव से उपहार स्वरूप मिली थी.

भगवान शिव ने इसे महर्षि दधीची की हड्डियों से बनाया था. भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की कई लीलाओं के बारे में भक्त जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि बहुत अधिक प्रिय होने के बावजूद श्रीकृष्ण ने बांसुरी को तोड़ (Why Lord Krishna Break His Bansuri) दिया था तो चलिए जानते हैं कि उन्होंने अपनी बांसुरी को कब और क्यों तोड़ा था.

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क्यों तोड़ी थी श्रीकृष्ण ने बांसुरी (Why Lord Krishna Break His Bansuri)
भगवान श्रीकृष्ण कंस का वध करने के बाद वापस द्वारका में वस गए थे. श्रीकृष्ण ने रुक्मणी से विवाह कर लिया था. रुक्मणी ने अपना पत्नी धर्म बहुत ही अच्छे से निभाया. भगवान कृष्ण के मन में कई बार राधा के ख्याल आते थे. राधा अपने अंतिम पलों में कृष्ण जी से मिलने आई थी. राधा से कृष्ण ने कुछ मांगने को कहा तो राधा ने बांसुरी बजाने के लिए कहा था. ऐसे में राधा ने अंतिम क्षणों में बांसुरी बजाते हुए ही प्राण त्याग कर दिया था. भगवान कृष्ण राधा जी से बहुत ही प्रेम करते थे. ऐसे में राधा के प्राण त्यागने के बाद श्रीकृष्ण ने वियोग में अपनी बांसुरी तोड़ (Lord Krishna Break His Bansuri) दी थी.

राधा के बिना नहीं बजाई बांसुरी
जब श्रीकृष्ण राधा रानी से अलग हो गए थे तब भी उन्होंने बांसुरी बजाना त्याग दिया था. भगवान कृष्ण ने राधा के बिना बांसुरी नहीं बजाई थी. वह हमेशा बांसुरी को अपने साथ रखते थे लेकिन बजाते नहीं थे. मां देवकी आग्रह करने पर भी उन्होंने बांसुरी नहीं बजाई थी. उद्धव ने बांसुरी को साधारण वाद्ययंत्र तक कह दिया था लेकिन श्रीकृष्ण ने बांसुरी नहीं बजाई थी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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