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Mangalik Karya: शुक्र अस्त होने से 20 नवंबर तक नहीं होंगे मांगलिक काम

Vivah Karya prohibited: शुक्र के अस्त होने से अब 20 नवंबर तक मांगलिक कार्य के साथ ही कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे.

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Mangalik Karya: शुक्र अस्त होने से 20 नवंबर तक नहीं होंगे मांगलिक काम

शुक्र अस्त होने से 20 नवंबर तक नहीं होंगे मांगलिक काम

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डीएनए हिंदीः 2 अक्टूबर से ही शुक्र ग्रह कन्या राशि में अस्त गया है और 21 नवंबर को ग्रह का उदय होगा और तब वैवाहिक से लेकर अन्य शुभकार्य प्रारंभ होंगे. 
बता दें कि शुक्र और बृहस्पति के योग के बाद ही वैवाहिक संयोग बनते हैं लेकिन शुक्र के अस्त होने से यह कार्य नहीं हो सकेंगे. बृहत्संहिता ग्रंथ के अनुसार शुक्र के अस्त होने से मौसम में अचानक बदलाव होता है और बारिश भी होती है. 
बता दें कि किसी ग्रह का अस्त होना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. हर साल कुछ दिनों के लिए आकाश में ग्रह दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि वे सूर्य के बहुत करीब आ जाते हैं. इसे ही ग्रह का अस्त या लोप होना भी कहा जाता है.

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शुक्र अस्त और उदय का समय
20 नवंबर तक सूर्य से शुक्र की दूरी 10 डिग्री से भी कम रहेगी. इसी स्थिति को शुक्र का अस्त होना कहा जाता है. अस्त होने पर इस ग्रह का असर कम हो जाएगा. इस साल ये 50 दिनों के लिए अस्त हो रहा है. शुक्र ग्रह अस्त 2 अक्टूबर, रविवार को सुबह 5ः50 पर शुक्र ग्रह उदय 20 नवम्बर रविवार को शाम 5ः50 बजे. क्योकि शुक्रा का उदय शाम से हो रहा है तो उदया तिथि के अनुसार 21 नवंबर से शुभकार्य शुरू होंगे.

शुक्र के शुभ फल में आएगी कमी
शुक्र ऐश्वर्य और विलासिता से जुड़ा ग्रह माना गया है और इसके अस्त होने से इसका प्रभाव सभी जातकों पर होता है. इससे शुभ फलों में भी कमी आने लगती है. जिन जातकों की कुंडली में शुक्र मजबूत हो उनके भी सुख में कमी आ सकती है. 

वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां

शुक्र के कारण कई लोगों के वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां आती हैं. मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार शुक्र अस्त होने के दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं. जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मांगलिक कामों की खरीदरी और अन्य संस्कार पूरे नहीं किए जा सकेंगे. हालांकि नवरात्रि की वजह से कुछ शुभ कार्य संभव हैं, लेकिन नवरात्रि के बाद सारे ही शुभ कार्य  20 नवंबर को शुक्र के उदय होने के बाद ही होंगे. 

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नहीं होगा विवाह और अन्य शुभ काम
शुभ और मांगलिक मुहूर्त में गुरु और शुक्र का उदय रहना बहुत ही जरूरी होता है. इनके अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जा सकते हैं. 2 अक्टूबर को पश्चिम दिशा में शुक के अस्त होने से विवाह, मुण्डन, सगाई, जैसे मांगलिक काम नहीं होंगे. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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