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कम उम्र में पिता-भाई को गंवाया, 3 साल रहे क्रिकेट से दूर, जानिए डेब्यू मैच में छा जाने वाले आकाश दीप की कहानी

Akash Deep Profile: भारत-इंग्लैंड के बीच रांची में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज आकाश दीप ने डेब्यू किया. उन्होंने अपने शुरुआती स्पेल में कमाल की गेंदबाजी की. हालांकि उनका टीम इंडिया तक का सफर इतना आसान नहीं रहा.

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कम उम्र में पिता-भाई को गंवाया, 3 साल रहे क्रिकेट से दूर, जानिए डेब्यू मैच में छा जाने वाले आकाश दीप की कहानी

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बंगाल के तेज गेंदबाज आकाश दीप ने रांची में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया. अपने जीवन का पहला इंटरनेशनल मैच खेल रहे इस 27 वर्षीय खिलाड़ी ने समां बांध दिया. उन्हें अपनी 11वीं गेंद पर ही पहला विकेट मिल जाता, लेकिन वह ओवरस्टेप कर बैठे. आकाश दीप ने इंग्लिश ओपनर जैक क्रॉली का ऑफ स्टंप उखाड़ फेंका था, लेकिन वो गेंद नो-बॉल निकल गई. इस तेज गेंदबाज ने अपने शुरुआती स्पेल में धारदार गेंदबाजी की और इंग्लैंड के ओपनरों का खूब परेशान किया. 

कप्तान रोहित शर्मा ने भी उन पर पूरा भरोसा जताया और लगातार अटैक पर बनाए रखा. इसका फल भी जल्दी ही मिला. आकाश दीप ने पहले बेन डकेट और फिर एक गेंद बाद ही ओली पोप को विकेट झटक लिया. इंग्लैंड की टीम इन झटकों से उबरी भी नहीं थी कि आकाश दीप ने क्रॉली के ऑफ स्टंप की गिल्लियां उड़ा दी. वह डेब्यू पर 10 गेंद के अंदर 3 विकेट लेकर छा गए. 


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मगर आकाश दीप का यहां तक का सफर इतना आसान नहीं रहा है. उन्होंने कम उम्र में ही अपने पिता और बड़े भाई को खो दिया था. परिवार की जिम्मेदारी अब उन पर आ गई थी. ऐसे में उन्होंने पैसे कमाने के लिए टेनिस बॉल टूर्नामेंट में खेलना शुरू किया. उनके एक दोस्त ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में क्रिकेट खेलने के लिए बुलाया और यहां से उनकी जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आनी शुरू हुई.

बिहार के सासाराम से हैं आकाश दीप

आकाश दीप का जन्म सासाराम (बिहार) के डेहरी में हुआ था. टीम इंडिया मे चयन के बाद आकाश दीप ने बताया कि क्रिकेट खेलना उनके यहां गुनाह से कम नहीं माना जाता था. क्योंकि बिहार में तब कोई बड़ा प्लेटफॉर्म नहीं था. उनके पिता जी भी नहीं चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेट खेले. आसपास के लोग अपने बच्चों से कहते थे कि आकाश दीप से दूर रहो, वो पढ़ाई नहीं करता है, उसकी संगत में रहकर बिगड़ जाओगे. 

3 साल क्रिकेट से रहे दूर

2015 में आकाश दीप पर दुखों का पड़ा टूट पड़ा था. उन्होंने छह महीने के अंदर अपने पिता और भाई को खो दिया. घर में पैसे नहीं थे और उन्हें ही परिवार की जिम्मेदारियां उठानी थी. इसके चलते वह तीन साल क्रिकेट से दूर रहे, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि क्रिकेट में करियर बनाने के सपने को जाया नहीं होने दिया जा सकता. ऐसे में वह दुर्गापुर लौट और यहां से कोलकाता गए. इस मुश्किल समय में उनके चाचा ने भी खूब मदद की. लंबे ब्रेक के बाद आकाश दीप का दोबारा क्रिकेट से नाता जुड़ा और वे आगे बढ़ते चले गए.

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