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भारतीय मूल की Sunita Williams ने फिर रचा इतिहास, तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए भरी उड़ान

सुनीता विलियम्स 1987 में US नेवल एकेडमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं. उनको 1998 में नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था.

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भारतीय मूल की Sunita Williams ने फिर रचा इतिहास, तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए भरी उड़ान

Sunita Williams

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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) बुधवार को एक बार फिर अंतरिक्ष (Space) के लिए उड़ान भरी. वही तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए रवाना हुई हैं. इसके साथ ही दोनों ने बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान (Starliner vehicle) से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) जाने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया.

सुनीता विलियम्स का स्टारलाइनर मिशन बुधवार (5 जून) को केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से भारतीय समय अनुसार रात 8 बजकर 22 मिनट पर लॉन्च हुआ. यह 6 जून रात 9 बजकर 45 पर  इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचेगा. विलियम्स के साथ बुच विल्मोर भी गए हैं

ट्रायथलॉन पूरा करके बनाया था रिकॉर्ड
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन कई बार के विलंब के बाद फ्लोरिडा के केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से रवाना हुआ. विलियम्स इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला बन गई हैं. साल 2012 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के दौरान सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में ‘ट्रायथलॉन’ पूरा करने वाली पहली व्यक्ति बनी थीं.

सुनीता विलियम्स मई 1987 में US नेवल एकेडमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं. उनको 1998 में नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था और वह दो अंतरिक्ष अभियानों-2006 में अभियान 14/15 और 2012 में 32/33 अभियानों का हिस्सा बनीं.


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उन्होंने अभियान-32 में फ्लाइट इंजीनियर और फिर अभियान-33 की कमांडर के रूप में काम किया. स्पेस क्राफ्ट के विकास में असफलताओं के कारण बोइंग के ‘क्रू फ़्लाइट टेस्ट मिशन’ में कई साल की देरी हुई. विलियम्स और विल्मोर की यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद है.

सुनीता विलियम्स घूमती प्रयोगशाला में एक सप्ताह से अधिक समय बिताएंगी और इसके बाद 14 जून को वापसी के लिए पश्चिमी अमेरिका के एक दूरस्थ रेगिस्तान में उतरने के लिए स्टारलाइनर यान में फिर से सवार होंगी. (PTI इनपुट के साथ)

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