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World’s Ugliest Woman की कहानी पढ़कर छलक जाएंगे आंसू

मैरी जानती थीं कि वो ये खिताब जीत जाएंगी. दुनिया के सामने अपना अपमान कराकर उन्होंने कोनी आइलैंड ड्रीमलैंड सर्कस में अपनी जगह बनाई.

World’s Ugliest Woman की कहानी पढ़कर छलक जाएंगे आंसू
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डीएनए हिंदीः आपने अपने जीवन में कई खूबसूरत महिलाएं देखी होंगी. इनमें कुछ महिलाएं ऐसी भी रही होगीं जिनकी खूबसूरती के चलते पल भर के लिए आपको उनके चेहरे से नजर हटना मुश्किल लगा हो लेकिन क्या कभी आपने दुनिया की सबसे बदसूरत महिला के बारे में सुना या सोचा है? आज हम आपको ऐसी एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो कहने को तो 'दुनिया की सबसे बदसूरत महिला' (World's Ugliest Woman) हैं लेकिन मन से उतनी ही खूबसूरत भी हैं. 

साल 1874 में लंदन के न्यूहैम (Newham) में जन्मी मैरी एन बीवन (Mary Ann Bevan) का नाम इतिहास के पन्नों में दुनिया की सबसे बदसूरत महिला के नाम से दर्ज है. हालांकि मैरी की कहानी के बारे में जिस किसी ने भी सुना वो दंग रह गया.

जानकारी के अनुसार, आम लड़कियों की तरह ही मैरी के भी कुछ सपने थे. कुछ सालों तक उन्होंने भी आम जिंदगी गुजारी. वह बड़ी होकर नर्स बनीं और बाद में थॉमस बीवन (Thomas Bevan) नाम के शख्स से मैरी की शादी हो गई. इस दौरान उन्होंने 4 बच्चों को जन्म भी दिया. सब कुछ सही चल रहा था कि शादी के कुछ ही सालों बाद मैरी एक अजीब बीमारी की चपेट में आ गईं.

इस बीमारी के चलते आम लोगों को देखने से लगने लगा कि अब मैरी बदसूरत होती जा रही हैं. असल में मैरी को एक्रोमेगाले (acromegaly) नाम की एक बीमारी हो चुकी थी जिसमें शरीर ज्यादा से ज्यादा ग्रोथ हार्मोन (Growth Hormones) प्रोड्यूस करने लगता है. इस बीमारी के कारण उनके चेहरे की बनावट पूरी तरह से बदल गई. मैरी का चेहरा मर्दों जैसा लगने लगा और उसपर दाढ़ी जैसे बाल आने लगे. बीमारी के कारण उनकी मांसपेशियों में भी अधिक दर्द रहने लगा.

मुसीबत यहीं पर खत्म नहीं हुई, शादी के 11 साल बाद मैरी के पति ने भी उनका साथ छोड़ दिया. पति की मौत के बाद घर की सारी जिम्मेदारी मैरी के सिर पर आ गई. फाइनेंशियल कंडीशन खराब होने के चलते मैरी लाचार हो गई. घर की हालत को देखते हुए उन्होंने पैसे कमाने के लिए 1920 के दशक में दुनिया की सबसे बदसूरत महिला कंप्टीशन में भाग लिया. 

मैरी जानती थीं कि वो ये खिताब जीत जाएंगी. दुनिया के सामने अपना अपमान कराकर उन्होंने कोनी आइलैंड ड्रीमलैंड सर्कस में अपनी जगह बनाई. सर्कस में लोग उन्हें देखकर हंसने के लिए आते थे. इस तरह उन्होंने अपने बच्चों का पालन पोषण किया और साल 1933 में उनकी मौत हो गई.

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