Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Rarest of Rare Case: कोई केस कब माना जाता है रेयरेस्ट ऑफ रेयर? क्या कंझावला मामले में हो सकती है फांसी की सजा

Kanjhawala Accident Case: कंझावला मामले को कुछ लोग रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की श्रेणी में मान रहे हैं.  

Latest News
Rarest of Rare Case: कोई केस कब माना जाता है रेयरेस्ट ऑफ रेयर? क्या कंझावला मामले में हो सकती है फांसी की सजा
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः दिल्ली के कंझावला (Kanjhawala Accident Case) में 20 साल की एक लड़की अंजलि की गाड़ी से कुचल मौत के मामले ने पूरे देश को हिला दिया है. इस केस के सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. बेरहमी के मौत के इस मामले में लोग आरोपियों के खिलाफ फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं. क्या इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर (Rarest Of Rare) केस मानकर फांसी की सजा दी जा सकती है. इस पर लोगों की बहस जारी है. 

कब माना जाता है रेयरेस्ट ऑफ रेयर?
मच्छी सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब मामले में कोर्ट ने किसी मामले के रेयरेस्ट ऑफ रेयर होने के कुछ निर्धारित नियम बनाए. कोर्ट ने इस मामले में तय किया कि कोई केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में माना जाएगा. 

इन मामलों से होता है तय 
होमिसाइड करने का तरीका- अगर मर्डर भयंकर, घृणित, रिवॉल्टिंग या अक्षम्य हो. इसका मतलब हुआ जब हत्या बेहद क्रूर, शैतानी, विद्रोही, या निंदनीय तरीके से की जाती है और समुदाय में तीव्र और अत्यधिक आक्रोश पैदा हो. जब हत्या के पीछे का मकसद पूरी तरह से क्रूरता हो. इसमें अपराध के साथ ही उसकी प्रवृति भी देखी जाती है. ऐसे मामले जिसमें क्रूरता की सभी हदें पार हो गई हो. 

ये भी पढ़ेंः क्या है नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन? 20 हजार करोड़ के इस प्लान से कैसे होगा फायदा

कंझावला मामले में किन धाराओं में दर्ज की एफआईआर
कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 279, 304, 304ए, 34 में केस दर्ज किया है. पांचों आरोपियों की पहचान दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्णन, मिथुन और मनोज मित्तल के तौर पर हुई है. ऐसे में इस मामले को भी रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की श्रेणी में लाने की मांग की जा रही है. हालांकि पुलिस ने फिलहाल इस केस में गैर इरादतन हत्या की धाराओं में मामला दर्ज किया है. 
 
कंझावाला के आरोपियों का क्या होगा?
कंझावला मामले को भी लोग रेयरेस्ट ऑफ रेयर के तौर पर देख रहे हैं. इसमें अंजलि को गाड़ी से 12 किमी तक घसीटा गया. यहां तक की जब उसका शव मिला को उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. उसकी शरीर पूरी तरह घिस चुका था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी खोपड़ी खुल चुकी थी और फेफडे़ बाहर से दिख रहे थे. शरीर में 40 जगह चोट के निशान थे. निर्भया केस को कोर्ट ने इस श्रेणी में माना था. हालांकि उस केस में गैंगरेप और हत्या की धाराओं में एफआईआर दर्ज थी और कंझावला मामले मामले गैर इरादतन हत्या के तहत केस दर्ज है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement