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Bipolar Disorder: इस बीमारी में व्यक्ति का नहीं रहता खुद के मूड और इमोशन पर काबू, जानिए लक्षण और इससे उबरने का तरीका 

Bipolar Disorder Symptoms: बाइपोलर डिसऑर्डर एक गंभीर मानसिक समस्या है, यहां जानिए इसके लक्षण और बचाव के बारे में.

Bipolar Disorder: इस बीमारी में व्यक्ति का नहीं रहता खुद के मूड और इमोशन पर काबू, जानिए लक्षण और इससे उबरने का तरीका 

जानिए बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण और इससे उबरने का तरीका

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डीएनए हिंदी: पिछले कुछ सालों से लोगों में कई प्रकार की मानसिक समस्याएं बढ़ गई हैं, लोगों में डिप्रेशन और मेंटल (Depression Mental Health) स्ट्रेस की परेशानी काफी ज्यादा देखी जा रही है. इन मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर (Mental Health Disorders) में से बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) एक ऐसी बीमारी है जिसे हाइली सेंसेटिव माना जाता है, जिसकी वजह से अत्यधिक मूड स्विंग्स (Mood Swings) होता है. इस स्थिति में व्यक्ति एक पल में बहुत खुश हो जाता है, तो अगले ही पल बेहद दुखी हो जाता है और बीच-बीच में सामान्य रहता है. इस स्थिति में मरीज के व्यवहार में अचानक से परिवर्तन हो जाता है और वह कभी भी अवसाद का शिकार होने लगता है. चलिए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के बारे में. 

बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण (Bipolar Disorder Symptoms)

  • कम नींद आना
  • अचानक से विचार बदल जाना
  • बिना वजह दूखी हो जाना 
  • मन में आत्महत्या का विचार आना
  • किसी भी काम में मन न लगना
  • थकान महसूस करना
  • फैसला लेने में परेशानी होना

दिमाग में केमिकल इंबेलेंस से होता है बाइपोलर डिसऑर्डर

एक्सपर्ट्स के अनुसार, बाइपोलर डिसऑर्डर होने की एकदम सटीक वजह का पता नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन, यह माना जाता है कि बाइपोलर डिसऑर्डर दिमाग में केमिकल इंबेलेंस की वजह से होती है. 20 से 30 साल की उम्र के लोगों में इसके अधिक मामले देखने को मिलते हैं. कुछ लोगों को 40 से 50 साल की उम्र में यह बीमारी हो जाती है, लेकिन ज्यादातर मामले 20 से 30 आयुवर्ग के ही होते हैं. क्योंकि बाइपोलर डिसऑर्डर का पीक भी इसी दौरान आता है. 

ऐसे करें बचाव (Bipolar Disorder Treatment)

बाइपोलर डिसऑर्डर से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि इसके लक्षणों की समय पर पहचान करें. वहीं, अगर आपको किसी दोस्त या परिवार के सदस्य में ये लक्षण दिख रहे हैं तो मनोरोग विशेषज्ञों से तुरंत सलाह लें. इस बीमारी के इलाज को लेकर लापरवाही न बरतें. क्योंकि अगर समय पर ट्रीटमेंट नहीं होता है तो डिप्रेशन के एपिसोड बढ़ सकते हैं जिसकी वजह से व्यक्ति आत्महत्या भी कर सकता है. इसलिए बाइपोलर डिसऑर्डर का समय पर इलाज बहुत जरूरी है. 

जिन लोगों को इस समस्या का होने का डर है उन्हें ज्यादा से ज्यादा व्यायाम करना चाहिए. क्योंकि एक्सरसाइज से शरीर समेत पूरे दिमाग का स्ट्रेस खत्म हो जाता है. ज्यादा नशा या असंतुलित डाइट करने वाले लोग इस रोग का आसानी से शिकार हो जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि नशे की लत से उन्हें दूर किया जाए. साथ ही, भरपूर नींद लेने की कोशिश करें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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