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Bill to Raise Marriage Age : अब जो लड़कियों का व्यक्तित्व होगा, थोड़ा अच्छा होगा, थोड़ा मज़बूत होगा

Marriage Age Bill: लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल किये जाने से जुड़े हुए बिल पर कवयित्री सविता सिंह और अधिवक्ता कमलेश जैन से डीएनए हिन्दी की बात

Bill to Raise Marriage Age : अब जो लड़कियों का व्यक्तित्व होगा, थोड़ा अच्छा होगा, थोड़ा मज़बूत होगा
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डीएनए हिंदी: लोकसभा में सरकार ने 21 दिसंबर को लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल किए जाने को लेकर सदन में पेश किया. इस बिल का विरोध विपक्षी दलों के नेताओं ने किया और इसके बावजूद इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजा गया.इस मुद्दे पर डीएनए हिन्दी ने  प्रखर स्त्रीवादी एवं कवयित्री सविता सिंह (Savita Singh) और जानीमानी अधिवक्ता कमलेश जैन (Kamlesh Jain) से बातचीत की.

देर-सबेर लोग इस कानून के मेरिट को देखेंगे - सविता सिंह 

शादी की उम्र बढ़ाए जाने के प्रभाव के विषय में पूछे जाने पर सविता सिंह ने कहा कि इस एक्ट में संतुलन बनाने के लिए कई और एक्ट्स पर काम करना होगा. उन्होंने इस कानून के सकारात्मक पहलुओं पर बात करते हुए कहा कि इस संबंध में कानून बन जाने से स्त्रियों को और पढ़ाने और सक्षम बनाने में मदद मिलेगी. 

उन्होंने यह भी कहा कि देर-सबेर लोग इस कानून के मेरिट को देखेंगे. इससे मेरिटल रेप जैसी चीज़ों को रोकने के लिए भी कानून की मांग होगी और इससे बहुत जरूरी बदलाव आएंगे. उन्होंने बेहद महत्वपूर्ण बात यह कहा कि वैसे इक्कीस साल की उम्र तक ही लड़कियां व्यस्क होती थीं. इस उम्र का बढ़ाया जाना उनके लिए बेहतर होगा. यह एक ज़रूरी क़दम है और अगर समय-समय पर सरकारों ने सर्वांगीण विकास के लिए ज़रूरी क़दम नहीं उठाए तो मैरिज का वेल्यू डिक्लाइन करेगा, शादी के प्रति लोग उतने उत्साहित नहीं रह जाएंगे . 

अब जो लड़कियों का व्यक्तित्व होगा, थोड़ा अच्छा होगा, थोड़ा मज़बूत होगा - कमलेश जैन 

वहीं इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश जैन ने भी कहा कि 18 साल में कोई भी एजुकेशन पूरी नहीं हो पाती है. उम्र का 21 साल होना शिक्षा पूरी होने के लिए बेहद ज़रूरी था. उन्होंने यह भी कहा कि छिपा कर किए जाने वाले बाल विवाह के ख़िलाफ़ बड़ी लड़कियां ख़ुद फ़ैसला ले सकती हैं. समाज और कानून के बीच की साम्यता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश का कानून 50 साल आगे है, समाज कहीं पचास वर्ष पीछे है तो कहीं सौ वर्ष. 

नये बिल के बारे में उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि इससे लड़कियों का व्यक्तित्व बेहतर होगा. अब जो लड़कियों का व्यक्तित्व होगा, थोड़ा अच्छा होगा, थोड़ा मज़बूत होगा. समाज के लैंगिक संतुलन पर बात करते हुए उन्होंने कहा किसिर्फ़ लड़के ही प्रोग्रेस करते जाएं, लड़कियां पीछे रहें तो सोसाइटी अनइवन हो जायेगी

 

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