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पीएम मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात से पहले भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता, क्या है वजह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका का दौरा करने वाले हैं. वह 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जोहान्सबर्ग पहुंचेंगे.

पीएम मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात से पहले भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता, क्या है वजह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग. 

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डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक से ठीक पहले, भारत और चीन की सेनाएं दौलत बेग ओल्डी और चुशूल समेत दो अहम जगहों पर मेजर जनरल स्तर की वार्ता कर रही हैं. भारत और चीन के बीच कई मुद्दों को लेकर लगातार गतिरोध बना हुआ है. पूर्वी लद्दाख में अब भी चीन और भारतीय सेना के बीच संबंध सामन्य नहीं हुए हैं. दोनों देशों की सेनाएं गतिरोध दूर करने के लिए मिली हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग पहुंच रहे हैं. उनका यह दौरा 22 से 24 अगस्त तक रहेगा. 

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक दो जगहों पर हुई कमांडर स्तर की वार्ता में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व त्रिशूल डिवीजन कमांडर मेजर जनरल पीके मिश्रा और यूनिफॉर्म फोर्स कमांडर मेजर जनरल हरिहरन ने किया.

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बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
यह वार्ता 13-14 अगस्त को चुशुल मोल्डो सीमा मीटिंग पॉइंट पर दोनों पक्षों के बीच आयोजित कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 19वें दौर के नतीजे के बाद हो रही है. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष डेपसांग मैदानों में गश्त फिर से शुरू करने और सीएनएन जंक्शन पर चीन के सेना की मौजूदगी को लेकर जारी विवाद हल करने के लिए साथ आए. इसके अलावा सीमा को लेकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है. 

कमांडर लेवल पर फिर बुलाई जा सकती है बैठक
सूत्रों के मुताबिक डेपसांग मैदानों और सीएनएन जंक्शन पर मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत हो रही है. अगर मेजर जनरल स्तर पर बातचीत आगे बढ़ती है, तो दोनों पक्ष नतीजों को अंतिम रूप देने के लिए कोर कमांडर स्तर की वार्ता का एक और दौर आयोजित कर सकते हैं.

3 साल से बिगड़े हैं भारत-चीन संबंध
दोनों पक्ष कई मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं. भारत और चीन पिछले तीन वर्षों से गतिरोध की स्थिति में हैं और सीमाओं पर तनाव के की वजह से कई स्तर के संबंध खराब हुए हैं. भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध भी बुरी तरह से खराब हुए हैं.

4 महीने बाद 19 दौर की हुई वार्ता
भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार पूर्वी लद्दाख सेक्टर में 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ व्यापक बातचीत की थी और उसके बाद चार महीने के अंतराल के बाद केवल 19वें दौर की कोर कमांडर वार्ता हुई थी.

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