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Amarnath Yatra 2022: इस बार बेहद खास होगी अमरनाथ यात्रा, प्रशासन देगा ये बेहतरीन सुविधाएं

Amarnath Yatra 2022 के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कमर कस ली है और इसकी तैयारियां खुद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा देख रहे हैं.

Amarnath Yatra 2022: इस बार बेहद खास होगी अमरनाथ यात्रा, प्रशासन देगा ये बेहतरीन सुविधाएं
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डीएनए हिंदी: वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते पिछले दो वर्षों अमरनाथ यात्रा नहीं हो पाई है. वहीं इस वर्ष जब कोविड कंट्रोल में है तो प्लान के अनुसार अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) 30 जून 2022 से शुरू होगी. जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड का दावा है कि इस बार यात्रा के लिए ऐसे शानदार इंतजाम किए गए हैं जो श्रद्धालुओं ने पहले नहीं देखे होंगे. ऐसे में ये सुविधाएं दो साल बाद यात्रा के लिए आ रहे श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी हो सकती है.  

उपराज्यपाल कर रहे हैं Amarnath Yatra 2022 की निगरानी

आपको बता दें कि इस बार की अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होने जा रही है. यह यात्रा 43 दिनों तक चलेगी और रक्षाबंधन वाले दिन 11 अगस्त को समाप्त हो जाएगी. इस बार की यात्रा में 6 से 8 लाख यात्रियों के शामिल होने की संभावना है. इस बार की अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) के लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व्यक्तिगत रूप से सभी व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस साल की अमरनाथ यात्रा ऐतिहासिक होगी. यात्रियों की सुविधा के लिए सुरक्षित पेयजल, आवास, स्वच्छता, स्काईवॉक, आध्यात्मिक थीम पार्क समेत कई नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं. 

जम्मू कश्मीर प्रशासन की कोशिश है कि जितने भी तीर्थयात्री Amarnath Yatra 2022 के लिए प्रदेश में आएं, उनमें से आधे श्रद्धालु बारी-बारी से 3-4 दिनों तक कश्मीर घाटी में बने रहें. इसके लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 5 स्तरीय व्यवस्था, राजमार्गों की मरम्मत, 75 नए पर्यटन स्थलों की व्यवस्था और ऐतिहासिक स्मारकों में सुविधाएं जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है  जिससे यात्रियों के लिए कोई भी दिक्कत ना खड़ी हो. 

यात्रियों के लिए बन रहे निवास

Amarnath Yatra 2022 यात्रियों को ठहराने के लिए घाटी में बड़ी संख्या में नए यात्री निवास (Yatri Niwas) बनाए जा रहे हैं. इनमें से कुछ अस्थाई आवास सुविधा वाले होंगे और कुछ परमानेंट होटेल के रूप में होंगे. प्रदेश के प्रशासन ने इस साल पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. इसलिए यात्रा में साफ-सफाई और कूड़ा निस्तारण को प्राथमिकता दी जाएगी.

Amarnath Yatra 2022 पर जाने वाले श्रद्धालुओं को पहली बार रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद हाथ में बांधा जाने वाला एक रिस्टबैंड मिलेगा. इस रिस्टबैंड में एक माइक्रो चिप लगी होगी जिसके जरिए सैटेलाइट के माध्यम से उनकी लोकेशन पर हर वक्त नजर रहेगी. इससे फायदा यह होगा कि श्रद्धालुओं के साथ कोई अनहोनी पर उनकी लोकेशन ट्रेस करके तुरंत मदद की जा सकेगी. 

सुरक्षा के लिए होंगे कड़े इंतजाम

Amarnath Yatra 2022 में यह पहली बार होगा, जब तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए उन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. इस नई व्यवस्था के जरिए प्रशासन इन अफवाहों को दूर करना चाहता है कि यात्रा हानिकारक और असुरक्षित है. इसके साथ ही प्रदेश के सूचना विभाग को श्रद्धालुओं तक मौसम व यात्रा की सभी जानकारियों से अपडेट कराने के काम में लगाया जाएगा. यात्रियों को सुरक्षा देने के लिए जम्मू-कश्मीर में चेकपॉइंट की संख्या बढ़ाई जाएगी और ट्रैफिक कंट्रोल पर खास ध्यान दिया जाएगा. जम्मू के बनिहाल को दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड से जोड़ने वाली नवनिर्मित नवयुग सुरंग को आतंकी हमले से बचाने के लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएंगे. 

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तैयार रहेगा एमरजेंसी प्लान

यही नहीं Amarnath Yatra 2022 के तीर्थयात्रियों के वाहनों पर  वाहन RFID-based (Radio Frequency Identification) ट्रैकिंग और निगरानी प्रणाली लगाई जाएगी. इससे श्रद्धालुओं की गाड़ियों के मूवमेंट पर 24 घंटे निगरानी रह सकेगी.  किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने बालटाल मार्ग पर 8  बेस अस्पताल और पहलगाम मार्ग पर 20 अस्पताल बनाए हैं. साथ ही पूरे ट्रैकिंग रूट पर जगह-जगह मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं. इस बार यात्रियों का बीमा कवरेज भी 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. इस बार नई सुविधा शुरू करते हुए बालटाल-डोमेल के 2.75 किलोमीटर लंबे रूट पर श्राइन बोर्ड की ओर से तीर्थयात्रियों को फ्री बैटरी कार सेवा भी मुहैया कराई जाएगी. 

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पहाड़ों से भूस्खलन और नीचे गिर जाने जैसे घटनाओं से निपटने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस की माउंटेन रेस्क्यू टीमें (MRT) राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. इन टीमों को यात्रा मार्गों पर कुछ चुनौतीपूर्ण इलाकों में तैनात किया जाएगा. तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरे रास्ते में सीआरपीएफ की कंपनियां तैनात रहेंगी. उसके सहयोग के लिए BSF, ITBP, SSB, CISF और भारतीय सेना की कुछ टुकड़ियां भी मोर्चा संभालेंगी जिससे यात्रियों के सुरक्षा में कोई भी व्यवधान उत्पन्न नहीं हो सकेगा. 

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