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Blood Clotting Symptoms: टेंशन और डिप्रेशन से बढ़ जाता है ब्लड क्लॉटिंग का खतरा, इन लक्षणों से कर सकते हैं पहचान

आज के समय में तनाव और डिप्रेशन एक बड़ी बीमारी बन गई है. बहुत से लोग इस समस्या से परेशान हैं. इसकी वजह से मानसिक स्वास्थ तो खराब होता ही है तो यह फिजिकल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचाता है. इसकी वजह से ही ब्लड क्लॉटिंग का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.

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Blood Clotting Symptoms: टेंशन और डिप्रेशन से बढ़ जाता है ब्लड क्लॉटिंग का खतरा, इन लक्षणों से कर सकते हैं पहचान
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Blood Clotting Symptoms: टेंशन और डिप्रेशन न सिर्फ आपकी मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक है, लेकिन आज के समय में ज्यादातर लोग तनाव में हैं. कोई नौकरी को लेकर परेशान हैं तो कोई बिजनेस हो रहे नुकसान या फिर घरेलू कलह की वजह से भारी स्ट्रेस और डिप्रेशन का शिकार हो रहा है. यह डिप्रेशन और तनाव न सिर्फ आपकी मेंटल हेल्थ खराब करता है. यह आपकी फिजिकल हेल्थ के लिए भी बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है. इसका दावा एक रिसर्च में भी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि लोग टेंशन या डिप्रेशन से परेशान लोगों में खून के थक्के जमने का खतरा 50 प्रतिशत बढ़ जाता है. हालांकि इसका पता मस्तिष्क इमेजिंग से लगा, जिसमें सामने आया कि तनाव के चलते लोगों में सूजन, डीप वेन थ्रोम्बोसिस का खतरा बढ़ जाता है. आइए जानते हैं कि इसमें क्या होता है और क्या है इसकी वजह...

टेंशन और डीप वेन थ्रोम्बोसिस के बीच है ये संबंध

टेंशन और डिप्रेशन की वजह से डीप वेन थ्रोम्बोसिस के बीच संबंध पता लगाने के लिए 1 लाख लोगों पर रिसर्च की गई. इसमें 1500 लोगों के दिमाग की इमेंजिम कराई गई, जिसमें पिछले 3 सालों में 1781 लोगों खून के थक्के जमने जैसी स्थिति पाई गई. इसमें पाया गया है कि टेंशन और डिप्रेशन के शिकार लोगों में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा खतरा उनकी खून की नसों में खून के थक्के जमने का होता है. यह उनकी स्थिति को गंभीर बना सकता है. 

रिसर्च के अनुसार टेंशन और डिप्रेशन की वजह से डीप वेन थ्रोम्बोसिस का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है. यह रिसर्च 58 वर्ष के महिला और पुरुषों पर किया गया. इसमें 57 प्रतिशत महिलाएं और 44 प्रतिशत पुरुष शामिल किये गये, जिनमें खून के थक्के जमने के लक्षण प्राप्त हुए. 

कैसे बनता है खून का थक्का

एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्लड का एक ग्रुप होता है, जो उसे समय बनात है. जब आपके खून में प्लेटलेट्स और प्रोटीन एक साथ चिपक जाते हैं. प्लेटलेट्स कोशिकाओं के टुकड़े होते हैं, जो आपके खून को जमने में मदद करते हैं. खून के थक्के किसी चोट से खून बहने पर कम हो सकते हैं. जैसे ही आपका शरीर ठीक होता है. ये टूटकर खून में घुल जाते हैं. 

खून के थक्के जमने पर मिलते हैं ये संकेत

खून के थक्के जमने पर शरीर में कुछ संकेत मिलने लगते हैं. इन्हें पहचानकर आप डॉक्टर  से संपर्क कर सकते हैं. इनमें हाथ पैरों में सूजन और दर्द, पूरी बॉडी में स्वेलिंग भी आ सकती है, अचानक से सांस लेने में कठिनाई, पैर या पीठ में बहुत ज्यादा दर्द, बेहोशी या चक्कर आना, ब्लड प्रेशर लो होने से लेकर तेज पसीना और सीने में तेज दर्द भी इसका संकेत हो सकते हैं. 

ऐसे किया जाता है इसका उपचार

खून के थक्के के उपचार के लिए आप हेमाटोलॉजिस्ट के पास जा सकते हैं. हेमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर खून से संबंधित बीमारियों के विशेषज्ञ होते हैं. ये शरीर में खून के थक्के जमे पाने और इन्हें रोकने के लिए खून पतला करने की दवाईयां चलाते हैं. यह खून में थक्कों को तोड़ती है.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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