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Uttarakhand में चुनाव से पहले Harak Singh की बगावत, अपनों की 'नाराजगी' से कैसे निपटेगी BJP?

सूबे में पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीजेपी में स्थिरता आई थी लेकिन एक बार फिर सियासी समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं.

Uttarakhand में चुनाव से पहले Harak Singh की बगावत, अपनों की 'नाराजगी' से कैसे निपटेगी BJP?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी.

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डीएनए हिंदी: उत्तराखंड (Uttarakhand) में पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) कैबिनेट में शामिल मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) अपनी ही सरकार से नाराज हैं. 24 दिसंबर को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. भले ही प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक (Madan Kaushik) दावा कर रहे हों कि अब उनकी पार्टी में सब ठीक है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और हालत बता रही है.

हरक सिंह रावत किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं हैं और अपनी नाराजगी सबसे जाहिर कर रहे हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले उनका यह फैसला भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के लिए बड़ा झटका है. बीजेपी पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चुनावी तैयारियां करने में जुटी थी लेकिन अब अपने ही नेताओं के मान-मनौव्वल में जुटी है. 

सूबे के अंदर बीजेपी की कलह पर कांग्रेस ने भी तंज किया है. एक खबर को ट्वीट करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि जहाज डूब रहा है. लोग भाग रहे हैं. कांग्रेस के कहने का इशारा इस ओर था कि बीजेपी की जहाज डूब रही है और लोग भाग रहे हैं. दरअसल 2 न्यूज चैनलों पर एक खबर का स्क्रीनशॉट कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है.

खबर में दावा किया गया है कि उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपना इस्तीफा दिया तो विधायक उमेश शर्मा काऊ ने दे दिया. हालांकि डीएनए हिंदी इस खबर की पु्ष्टि नहीं करता है. बीजेपी के भीतर बढ़ी इस सियासी तकरार की वजह से अब धामी सरकार मुश्किल में फंस सकती है.

हरक सिंह रावत. (फाइल फोटो-PTI)

क्या है उमेश शर्मा काऊ का इस्तीफे पर जवाब?

हरक सिंह रावत के नाराज होने और पद से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा है कि कैबिनेट मंत्री की शिकायत को दूर कर दिया गया है और कोई कहीं नहीं जा रहा है. दरअसल ऐसी अटकलें थीं कि हरक सिंह रावत नाराज हैं और शनिवार को वह पद से इस्तीफा दे सकते हैं, जिसके बाद उनकी नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी उमेश शर्मा काऊ को सौंपी गई थी. उन्होंने कहा है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा नेता अनिल बलूनी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सहायता से मुद्दे को हल कर लिया गया है. विधायक ने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज खोलने के उनके प्रस्ताव को मान लिया गया है और उन्हें आश्वस्त किया गया है कि इस परियोजना के लिए बजट सोमवार को जारी किया जाएगा.

क्यों नाराज हैं हरक सिंह रावत?

हरक सिंह रावत शुक्रवार रात को कैबिनेट की बैठक से चले गए थे जिसके बाद अटकलें थीं कि वह धामी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं. हरक सिंह रावत बैठक से इस लिए चले गए थे क्योंकि वह कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिलने से नाराज थे. 

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