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5g Connectivity: 5जी की निलामी को लेकर होगी अंबानी और अडानी की टक्कर, पहली बार आमने-सामने होंगे दो दिग्गज

गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के बीच अब 5G कनेक्टिविटी और स्पेक्ट्रम को लेकर निलामी की टक्कर हो सकती हैं. हालांकि अडानी ग्रुप की तरफ से एक बड़ा ऐलान किया गया है जो कि रिलायंस जियो के लिए राहत की खबर माना जा रहा है.

5g Connectivity: 5जी की निलामी को लेकर होगी अंबानी और अडानी की टक्कर, पहली बार आमने-सामने होंगे दो दिग्गज
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डीएनए हिंदी: पिछले लंबे वक्त से देश के दो बड़े बिजनेसमैन अपने अपने क्षेत्र में नंबर वन बने रहे और दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में इन दोनों ने ही जगह बनाई लेकिन अब ये दोनों आपस में ही तगड़ा कंपटीशन करते नजर आ सकते हैं. ये दोनों ही बिजनेसमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) हैं और इस टक्कर की बड़ी वजह देश में 5G कनेक्टिविटी  है. अडानी 5G कनेक्टिविटी (5G Connectity) को लेकर एयरवेव की नीलामी में अपनी बोली लगाएंगे. ऐसे में यह माना जा रहा है कि दो गुजराती बिजनेसमैन के बीच एक कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. 

दरअसल, अडानी ग्रुप ने शनिवार को टेलीकॉम स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल होने की पुष्टि कर दी है लेकिन साथ ही कहा कि वह टेलीकॉम स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल हवाई अड्डों से लेकर अपने व्यवसायों का समर्थन करने के लिए एक निजी नेटवर्क के रूप में ही करेगा.

क्या है कंपनी का प्लान

कंपनी ने इस संबंध में अपने बयान में कहा गया, "हम हवाईअड्डों, बंदरगाहों और लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन, पारेषण, वितरण और विभिन्न मैन्युफैक्चरिंग कार्यों में बढ़ी हुई साइबर सुरक्षा के साथ ही निजी नेटवर्क समाधान मुहैया कराने के लिए 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग ले रहे हैं."

टेलीफोन में नहीं होगी इंट्री

कंपनी के इस बयान से रिलायंस ग्रुप और मुकेश अंबानी को बड़ी राहत मिलने वाली है क्योंकि अडानी ग्रुप उपभोक्ता मोबाइल टेलीफोन सेक्टर में प्रवेश नहीं करेगा. इसकी वजह यह है कि इस क्षेत्र में अंबानी की रिलायंस जियो सबसे बड़ी कंपनी है. 

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5G Connectivity: Ambani and Adani will compete 5G auction first time two giants will face to face

गौरतलब है कि दूरसंचार कंपनियों ने निजी कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करने के लिए गैर-दूरसंचार संस्थाओं को स्पेक्ट्रम के किसी भी प्रत्यक्ष आवंटन का कड़ा विरोध किया था. उनका कहना था कि इससे उनका कारोबार गंभीर रूप से प्रभावित होगा. वहीं ये कंपनियां चाहती थीं कि गैर-दूरसंचार कंपनियां उनसे स्पेक्ट्रम लीज पर लें या वे उनके लिए निजी कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करें लेकिन सरकार ने निजी नेटवर्क के पक्ष में फैसला किया जो कि अंबानी जैसे बिजनेसमैन्स के लिए एक तगड़ा झटका है. 

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4 कंपनियों के मिले आवेदन 

दरअसल, 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन के मामले में 4 कंपनियों को नाम सामने आया है. ये नीलामी 26 जुलाई को होनी है. दूरसंचार क्षेत्र की तीन निजी कंपनियों - जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने नीलामी के लिए आवेदन किया है. वहीं चौथा आवेदक अडानी समूह है.

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