Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

What Is Dope Test: एंटी डोपिंग बिल की चर्चा के बीच जान लें क्या है डोपिंग, इसके नियम और सबकुछ 

Anti-Doping Bill:  बुधवार को लोकसभा में नेशनल एंटी डोपिंग विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी गई है. इससे अब देश में डोपिंग पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. हालांकि, खेलों में डोपिंग क्यों होने लगी और इसे रोकने के लिए क्या प्रावधान हैं जैसे कई सवाल एक बार फिर से तैरने लगे हैं. इससे जुड़े हर पहलू के बारे में समझें यहां. 

What Is Dope Test: एंटी डोपिंग बिल की चर्चा के बीच जान लें क्या है डोपिंग, इसके नियम और सबकुछ 

सांकेतिक चित्र

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने एंटी-डोपिंग विधेयक 2021 (Anti-Doping Bill) को मंजूरी दी है. खेलों को स्वच्छ रखने और खिलाड़ियों के डोपिंग से दूर रहने के उद्देश्य से यह कानून बनाया गया है. अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी डोपिंग को रोकने के लिए कई कठोर कानून हैं. खिलाड़ियों को डोपिंग और ताकत बढ़ाने वाली दवाओं से दूर रखने के उद्देश्य से वाडा (World Anti-Doping Agency)  काम करती है. किसी भी बड़ी प्रतियोगिता से पहले खिलाड़ियों को डोप परीक्षण देना होता है. जानिए क्या है एंटी-डोपिंग बिल और विश्व स्तर पर डोपिंग को रोकने के लिए संस्थाएं किस तरह से काम कर रही हैं. 

Wada और Nada की क्यों हुई शुरुआत 
अंतर्राष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन की घटनाएं 90 के दशक में दिखने लगी थी. कई ऐसी घटनाएं हुईं जब खिलाड़ियों ने प्रतिबंधित दवाओं का इस्तेमाल किया था. ऐसी घटनाओं के लगातार बढ़ने के बाद खेल संघों और अंतर्राष्ट्रीय संघों ने जरूरी समझा कि इसके खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए. इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय संघों के साथ हर देश में अपने स्तर पर भी डोपिंग को रोकने के लिए खास कदम उठाए गए थे. 

डोपिंग की घटनाएं रोकने के लिए स्विट्जरलैंड के लुसेन शहर में वाडा (WADA) की स्थापना की गई थी.खेलों और खेल प्रतियोगिताओं की स्वच्छ छवि बनाने औऱ प्रतिष्ठा बरकरार रखने के उद्देश्य से यह शुरुआत की गई थी. इसके बाद हर देश में नाडा (NADA) की स्थापना की गई थी. 

यह भी पढ़ें: बिना पेपर दिखाए अरेस्ट कर सकती है ये संस्था, सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई अधिकारों  पर मुहर, आखिर है क्या ED? 

Doping के पीछे क्या वजह है? 
डोपिंग के जाल में कई खिलाड़ी फंस जाते हैं और प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर लेते हैं. ज्यादातर खिलाड़ी ताकत बढ़ाने और अपनी क्षमताओं के विस्तार के लिए डोपिंग का इस्तेमाल करते हैं. कई बार खिलाड़ियों को लगता है कि प्राकृतिक तरीके से वह उस स्तर की फिटनेस नहीं पा सकते हैं और इसलिए डोप करते हैं. 

डोपिंग के परिणाम बहुत खतरनाक होते हैं और कई बार कुछ खिलाड़ियों की मौत भी इसकी वजह से हो जाती है. भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संघों की ओर से समय-समय पर एथलीटों को डोपिंग नियमों और इसके दुष्परिणामों को लेकर सचेत किया जाता है. 

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एंटी-डोपिंग बिल के बारे में संसद को जानकारी दी

कौन सी दवाएं हैं प्रतिबंधित और कैसे होता है डोप टेस्ट 
कुल 5 तरह की दवाओं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है. स्टेरॉयड, पेप्टाइड हॉर्मोन, नार्कोटिक्स, डाइयूरेटिक्स और ब्लड डोपिंग के तौर पर ये 5 श्रेणियां बांटी गई हैं. भारत में नाडा और विश्व भर में वाडा डोपिंग टेस्ट करते हैं. खिलाड़ियों का कभी भी और किसी भी वक्त डोप परीक्षण किया जा सकता है. 

नाडा और वाडा कभी खिलाड़ियों का कर सकती है परीक्षण

डोप टेस्ट के लिए खिलाड़ियों के यूरिन (पेशाब) का परीक्षण लिया जाता है. सैंपल एक बार ही लिया जाता है लेकिन खिलाड़ी चाहें तो दोबारा अपील कर सकते हैं. पहले चरण को ए और दूसरे चरण को बी कहा जाता है. खिलाड़ी ए पॉजिटव पाए गए तो उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाता है. खिलाड़ी चाहें तो अपील कर सकते हैं. प्रतिबंध सेवन की मात्रा की गंभीरता पर निर्भर करता है. कभी-कभी आजीवन प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है. ओलंपिक विजेता खिलाड़ियों से उनके पदक भी वापस लिए जा सकते हैं.

यह भी पढ़े: जानिए, भारत में अश्लीलता को लेकर क्या है कानून और इसका पैमाना?

भारत में कौन-कौन पाए गए हैं डोपिंग के दोषी 
भारत में अब तक कई खिलाड़ियों को डोपिंग का दोषी करार दिया गया है. क्रिकेटर पृथ्वी शॉ और यूसुफ पठान डोप टेस्ट में दोषी पाए गए थे. दोनों पर कुछ समय के लिए बैन लगाया गया था. भारत में डोपिंग का पहला मामला साल 1968 में आया था. कृपाल सिंह ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई की जाने वाली रेस में गिर पड़े थे. जब जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने ताकत बढ़ाने के लिए नशीले पदार्धों का सेवन किया था. 

यह भी पढ़ें: क्या है एंटी-डोपिंग बिल, जिसे लोकसभा में किया गया परित, इससे कैसे खेलों को मिलेगा लाभ


देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement