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Cancer: जामुन जैसा चोकबेरी है रामबाण, 24 घंटे में 60 फीसदी तक घटा सकता है कैंसर सेल्स की ग्रोथ

वैज्ञानिकों के लिए कैंसर अब भी एक अबूझ पहेली है. इस वजह से इसका इलाज कठिन हो जाता है. आज हम आपको एक फल के बारे में बता रहे हैं, जो न केवल कैंसर से बचाता है, बल्कि कैंसर के मरीजों के लिए भी रामबाण है.

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Cancer: जामुन जैसा चोकबेरी है रामबाण, 24 घंटे में 60 फीसदी तक घटा सकता ��है कैंसर सेल्स की ग्रोथ

ये ऐसा फल है जो कैंसर की कोशिकाओं का बढ़ना रोक देता है

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डीएनए हिंदी: कैंसर बहुत तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है. इसके कारणों का पता न चलने से डॉक्टरों के लिए इलाज का तरीका खोज पाना भी मुश्किल होता है. हालांकि केमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी ने लोगों की जान तो बचाई है, लेकिन कैंसर के मामले में अब भी बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है. सजग और सतर्क रह कर इसकी संभावनाओं से बचा जा सकता है. हालिया रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया है कि जामुन की एक प्रजाति चोकबेरी (chokeberry) खाने से कैंसर सेल्स ग्रोथ को 24 घंटे में 60 फीसदी तक घटाया जा सकता है। ये फल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है. आइए इस फल के बारे में और जानें.
चोकबेरी (chokeberry) को इसे एरोनिया बेरी (aronia berry) के नाम से भी जाना जाता है. 

हेल्थ जर्नल न्यूट्रिशन एंड कैंसर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चोकबेरी में बड़ी मात्रा में फाइटोकेमिकल (phytochemical) पाए जाते हैं, जिनमें एंथोसायनिन (anthocyanin) और फेनॉलिक एसिड (phenolic acid) भी होते हैं. 
एंथोसायनिन की वजह से चोकबेरी पर्पल कलर का दिखता है. इसी एंथोसायनिन की वजह से चोकबेरी को कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में कारगर पाया गया है. 

चोकबेरी में ऐसा क्या खास है 

चोकबेरी में ब्लूबेरी (blueberry) और ब्रोकोली (broccoli) की तरह ही प्रचुर मात्रा में प्लांट एंटीऑक्सिडेंट पाया गया है. 

एंटीऑक्सिडेंट्स क्या करते हैं 

एंटीऑक्सिडेंट्स को इसलिए अहम माना जाता है क्योंकि ये हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को ब्लड सेल्स से बाहर निकाल देता है. ऑक्सिडेशन की वजह से हमारे सेल्स को नुकसान पहुंचता है, जिससे तमाम बीमारियों का खतरा पैदा हो जाता है. एक टेस्टट्यूब स्टडी में पाया गया है कि फल में पाया जाने वाला एंटोसायनिन कोलोन कैंसर के खतरों को दूर करने में सहायक होता है.
पाया गया कि 50 एमजी एरोनिया एक्सट्रैक्ट से 24 घंटे के अंदर कोलोन कैंसर सेल्स की ग्रोथ को 60 फीसदी तक रोका जा सकता है. इसे तमाम तरह के कैंसर सेल्स पर भी आजमाया गया और इसने अपनी क्षमता साबित कर दिखाई है. 

ब्रेस्ट कैंसर रोकने में भी सहायक 
2009 में हुए एक अध्ययन में ये पाया गया था कि चोकबेरी एक्सट्रैक्स से ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को घटाने की क्षमता मौजूद है. 'प्लांटा मेडिका' नाम के जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चोकबेरी एक्सट्रैक्ट में ब्रेस्ट कैंसर के ब्लड सैंपल में मौजूद खतरनाक सुपरऑक्साइड फ्री रेडिकल्स को घटाने में मदद मिली. कई स्टडीज में पाया गया कि एंथोसायनिन में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के कैंसर से लड़ने की क्षमता है. यही नहीं, स्किन कैंसर के मरीजों पर इस एंटीऑक्सिडेंट के लेप से काफी राहत मिलती है. इस पर अभी और अध्ययन चल रहा है. 

कौन से एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं चोकबेरी में 
क्यूरसेटिन
इपीकैटेचिन
कैफेइक एसिड
माल्विडिन
ल्युटेन
जीजैंथिन
कैरोटीन

तो अगर आपको चोकबेरी नहीं मिलती तो आपके जामुन, ब्रोकली या ब्‍लू बेरी भी खा सकते हैं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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