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क्या होता है साड़ी कैंसर और कांगड़ी कैंसर? भारतीयों में कैसे बढ़ रहा है इस Cancer का खतरा

Saree Cancer: साड़ी कैंसर के मामले केवल भारत में ही देखने को मिलते हैं, क्योंकि भारत में ही महिलाएं साड़ी सबसे ज्यादा पहनती हैं. आइए जानते हैं क्या है भारतीय महिलाओं में साड़ी कैंसर होने का कारण..

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क्या होता है साड़ी कैंसर और कांगड़ी कैंसर? भारतीयों में कैसे बढ़ रहा है इस Cancer का खतरा

क्या होता है साड़ी कैंसर और कांगड़ी कैंसर

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साड़ी भारत के सबसे खूबसूरत और मुख्य परिधानों में से एक है, जो अब विदेशों में भी खूब पसंद की जा रही है. लेकिन, क्या आप जानती हैं साड़ी पहनने से आप कैंसर (Saree Cancer) की चपेट में आ सकती हैं? जी हां, साड़ी ही नहीं, बल्कि अन्य कई तरह के कपड़े हैं जिन्हें गलत तरीके से पहनने से आपको कैंसर हो सकता है, इसे मेडिकल की भाषा में Squamous Cell carcinoma (SCC) कहा जाता है. बता दें कि साड़ी कैंसर के मामले केवल भारत में ही देखने को मिलते हैं, क्योंकि भारत में ही (Cancer In India) महिलाएं साड़ी सबसे ज्यादा पहनती हैं. आइए जानते हैं क्या है भारतीय महिलाओं में (Saree Cancer Causes) साड़ी कैंसर होने का कारण...

भारत में ही पाया जाता है साड़ी कैंसर

दरअसल भारत के कई हिस्सों में महिलाएं (Cancer In Women) साल के 12 महीने और हफ्ते के सातों दिन साड़ी ही पहनती हैं, साड़ी पहनने के लिए महिलाएं सूती पेटीकोट को सूती धागे से कमर पर कस कर बांध लेती हैं. दिल्ली के PSRI अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ विवेक गुप्ता बताते हैं कि अगर यही परिधान कोई महिला लंबे समय तक पहनती है तो इसके कारण कमर पर रगड़ लगने लगती है, जिसकी वजह से वहां की त्वचा छिलने लगती है और काली पड़ने लगती है.

ऐसे में (Cancer From Saree) बार बार छिलने और रिपेयर के इस चक्र में कैंसर के पनपने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा इस कैंसर के कारणों में ड्रेस से ज्यादा साफ सफाई जिम्मेदार है. इसके अलावा जिन इलाकों में गर्मी और उमस ज्यादा रहती है, वहां इस कैंसर के होने का खतरा अधिक रहता है. बता दें कि बिहार और झारखंड से अभी भी इसके केस रिपोर्ट हो रहे हैं.

रिसर्च में ये बात आई सामने

रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय महिलाओं में पाए जाने वाले कुल कैंसर में से 1 प्रतिशत मामले साड़ी कैंसर के हैं. इसपर मुंबई के आर एन कूपर अस्पताल में रिसर्च भी की गई है. साड़ी के अलावा इस रिसर्च में धोती को भी शामिल किया गया था. बता दें कि इस साड़ी कैंसर का नाम बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने तब दिया था, जब वहां इसका केस आया, जिसमें एक 68 वर्षीय महिला में यह कैंसर पाया गया था. बता दें कि ये महिला 13 वर्ष की उम्र से ही साड़ी पहन रही थी.  

कांगड़ी कैंसर 

ऐसा ही एक कैंसर कश्मीर में पाया जाता है औप ये भी त्वचा का कैंसर है और इसकी बड़ी वजह है कि ठंंड के दिनों में वहां के पुरुष और महिलाएं मिट्टी के बर्तन में अंगीठी नुमा आग को अपने कपड़ो के अंदर लेकर बैठते हैं, जिससे उन्हें गर्माहट तो मिलती है लेकिन पेट और जांघों को लगातार मिल रही गर्मी इस कैंसर की वजह बन जाती है.  

टेस्टीकुलर कैंसर भी है एक 

इसके अलावा टाइट और फिट जींस को पुरुषों में कैंसर के लिए जिम्मेदार माना जाता है. दरअसल, घंटों तक टाइट कसे हुए कपड़े पहनने से ये शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे पुरुषों में निचले हिस्से में तापमान बढ़ता है, जिसके कारण स्पर्म काउंट भी कम हो सकता है और टेस्टीकुलर कैंसर यानी अंडाशय का कैंसर भी हो सकता है. हालांकि, अभी इस रिसर्च के पुख्ता परिणाम आने अभी बाकी हैं. 

कैसे कपड़ों को माना जाता है टाइट 

  • अगर कपड़े से त्वचा पर निशान पड़ रहे हैं तो इसे पहनने से बचें
  • कसे होने की वजह से स्किन लाल हो रही है तो इसे न पहनें
  • सांस लेने में तकलीफ होने लगे
  • स्किन रगड़ने लगे तो ऐसे कपड़े पहनने से बचें 

बरतें ये सावधानी

अगर आप टाइट कपड़े पहन रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरुरत है, ऐसी स्थिति में इनरवियर जैसे ब्रा, अंडरवियर अगर बेहद टाइट हैं तो इसपर जरुर ध्यान दें. इसके अलावा जिम के लिए पहने जाने वाले टाइट कपड़े भी परेशानी दे सकते हैं, हालांकि ऐसे कपड़े सीमित समय के लिए पहने जाते हैं इसलिए कम दिक्कत होती है.

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