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JNU की VC शांतिश्री धूलिपुड़ी बोलीं- सिर्फ़ 10 प्रतिशत छात्र ही उपद्रवी, 90 प्रतिशत गैर-राजनीतिक

JNU VC Santishree Dhulipudi Statement: जेएनयू की वाइस चांसलर ने कहा है कि कैंपस में 10 प्रतिशत छात्र ही उपद्रवी हैं बाकी के 90 प्रतिशत गैर-राजनीतिक हैं.

JNU की VC शांतिश्री धूलिपुड़ी बोलीं- सिर्फ़ 10 प्रतिशत छात्र ही उपद्रवी, 90 प्रतिशत गैर-राजनीतिक

जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुड़ी

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डीएनए हिंदी: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित (Santishree Dhulipudi) ने कहा है कि जेएनएयू (JNU) के 90 प्रतिशत छात्र गैर-राजनीतिक हैं. उन्होंने कहा कि कैंपस में केवल 10 प्रतिशत ही 'उपद्रवी' हैं, जो यह सोचते हैं कि वे यहां अपना राजनीतिक करियर बना सकते हैं. एक इंटरव्यू के दौरान शांतिश्री धूलिपुड़ी ने जेएनएयू कैंपस में बीते कुछ सालों में हुए विवादों और अन्य राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े सवालों पर अपनी राय रखी. इस दौरान उन्होंने कैंपस पॉलिटिक्स और विरोध प्रदर्शनों पर भी बात की.

न्यूज़ एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' को दिए इंटरव्यू में शांतिश्री धूलिपुड़ी ने कहा कि यह राजनीतिक रूप से सक्रिय कैंपस है लेकिन जेएनयू में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि जो नेता बनना चाहते हैं, उन्हें बाहर जाकर चुनाव लड़ना चाहिए. जब उनसे हाल में जेएनयू में हुई झड़पों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, '90 प्रतिशत छात्र गैर-राजनीतिक हैं. केवल 10 प्रतिशत ही उपद्रवी हैं. उन्हें लगता है कि जेएनयू में उनका राजनीतिक करियर बन सकता है.'

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'JNU में राजनीति करने वाले चले गए जेल'
जेएनएयू की कुलपति ने कहा, 'जेएनयू राजनीतिक करियर का कब्रिस्तान है. आपको पता है कि पिछली बार क्या हुआ था? जिन्होंने (ऐसी) राजनीति की थी, वे सभी जेल में हैं.' उन्होंने कहा, 'आप क्यों अपना समय बर्बाद कर रहे हैं? अगर आप नेता बनना चाहते हैं तो बाहर जाकर चुनाव लड़ें. आपको कौन रोक रहा है? भारत एक स्वतंत्र देश है. आप यहां पढ़ाई के लिए आते हैं, आप यहां सीखने के लिए आते हैं. आपका परिवार आप पर निर्भर करता है कि आपको अच्छी नौकरी मिलेगी और आप बाहर जाएंगे.' 

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आपको बता दें कि शरजील इमाम, उमर खालिद, नताशा नरवाल और देवांगना कालिता सहित जेएनयू के कई छात्रों और पूर्व छात्रों को 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश से जुड़े मामले में कथित संलिप्तता को लेकर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था. नताशा नरवाल और देवांगना को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था जबकि उमर खालिद और शरजील अब भी जेल में हैं. 

कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी ने विद्यार्थियों से सक्रिय राजनीति करने और बहस करने का आग्रह किया और हिंसा से दूर रहने की अपील की. उन्होंने कहा, 'जेएनयू में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. जेएनयू एक शोध विश्वविद्यालय है. मैं यह नहीं कह रही कि आपको बहस नहीं करनी चाहिए, बहस करें, चर्चा करें लेकिन एक-दूसरे के साथ मारपीट नहीं करें.'

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