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Lucknow Building Collapse: सपा नेता ने खोई मां और पत्नी, रोते हुए बोले, ‘तमाशा होता रहा, मंत्री और अधिकारी फोटो खिंचवाते रहे’

Lucknow News: लखनऊ में मंगलवार शाम को 5 मंजिला इमारत अचानक गिर गई थी, जिसके मलबे में कई परिवार दब गए थे. 16 लोगों को जिंदा रेस्क्यू किया गया है.

Lucknow Building Collapse: सपा नेता ने खोई मां और पत्नी, रोते हुए बोले, ‘तमाशा होता रहा, मंत्री और अधिकारी फोटो खिंचवाते रहे’

सपा नेता अब्बास हैदर की पत्नी उज्मा अब्बास व मां बेगम हैदर का निधन हादसे में हो गया है.

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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए हादसे में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां बेगम हैदर और पत्नी उज्मा अब्बास की भी मौत हो गई है. उज्मा पेशे से पत्रकार थीं. दोनों की मौत के बाद भड़के अब्बास हैदर ने रोते हुए प्रशासन पर कई तरह के आरोप लगाए हैं. अब्बास का कहना है कि बिल्डिंग गिरने के बाद बचाव में जुटी टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन के नाम पर महज तमाशा किया. उन्हें जहां कहा गया, उस जगह ड्रिल करके मलबा नहीं हटाया गया. बता दें कि लखनऊ के हजरतगंज इलाके में वजीर हसनगंज रोड पर मंगलवार शाम को 5 मंजिला बिल्डिंग अलाया अपार्टमेंट अचानक ढह गई थी. मलबे में करीब 30-35 लोग दब गए थे. प्रशासन ने तत्काल ही मौके पर NDRF की 4, SDRF की 8 टीमों के अलावा सेना को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बुला लिया था. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 16 लोगों को मलबे से निकाला गया, जिनमें से दो महिलाओं की मौत हो गई थीं. ये दोनों महिलाएं अब्बास हैदर की मां व पत्नी थीं. 

पढ़ें- Lucknow Building Collapse: सुरक्षित बचाए गए 15 लोग, लखनऊ में बिल्डिंग गिरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

'मंत्री और अधिकारी बस मौके पर फोटो खिंचवाते रहे'

अपनी पत्नी और मां की मौत की खबर मिलने पर अब्बास हैदर ने कहा, रेस्क्यू ऑपरेशन के नाम पर महज तमाशा होता रहा, मंत्री और अधिकारी मौके पर फोटो खिंचवाने में लगे रहे. रोते हुए अब्बास बोले, घंटों तक मेरी फैमली अंदर दबी रही. ना समय पर ऑक्सीजन दी, ना ही पानी उन तक पहुंचाया. मेरी पत्नी और मां की मौत दम घुटने से प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है. बता दें कि मौके पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान भी पहुंचे थे. 

पढ़ें- Lucknow Building Collapse: लखनऊ में धड़ाम गिरी 5 मंजिला इमारत, 30 से 35 लोग दबे, क्या है इस घटना में भूकंप का रोल?

'हमें डेडबॉडी चाहिए, पोस्टमार्टम नहीं'

अब्बास हैदर ने सिविल अस्पताल में भी अपनी मां व पत्नी की डेडबॉडी को लेकर जमकर हंगामा किया. उन्होंने बिना पोस्टमार्टम के डेडबॉडी सौंपे जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि पंचनामा करके हमें अभी हमारे परिजन की बॉडी दी जानी  चाहिए. हम पोस्टमार्टम नहीं चाहते. जिन्होंने लापरवाही से इन्हें मारा है, सरकार उन पर कार्रवाई करे. रेस्क्यू के नाम पर तमाना ना करे. 

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हादसे के माने जा रहे हैं ये तीन कारण

  1. हादसे से करीब 4 घंटे पहले लखनऊ में 5.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया, जिससे खराब मेंटिनेंस से जर्जर हो चुकी बिल्डिंग में दरार आई.
  2. पुलिस ने बेसमेंट में पाइप डालने के काम के लिए ड्रिलिंग मशीन से खुदाई को जिम्मेदार बताया है. बेसमेंट पार्किंग में जल रिसाव से फाउंडेशन ग्रिड कमजोर था, जो ड्रिलिंग के कारण डैमेज हुआ और बिल्डिंग ढह गई.
  3. बेसमेंट में चल रहे काम के दौरान LPG सिलेंडर के इस्तेमाल की भी सूचना है. पड़ोसियों के मुताबिक, बिल्डिंग गिरने से पहले बेसमेंट में कोई धमाका हुआ था. हालांकि सिलेंडर ब्लास्ट जैसी किसी बात की पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है.

अब तक क्या-क्या हुआ है

पांच मंजिला इमारत में 12 फ्लैट और एक पेंटहाउस था, जिनमें रहने वाले परिवार मलबे में दबे हैं. करीब 16 लोगों को मलबे से निकाला गया है, जबकि 3 लोगों के शव मंगलवार रात ही मिले थे. यह बिल्डिंग मेरठ के किठौर से सपा विधायक व पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश मंजूर की है. नवाजिश को हिरासत में लिया गया है. इसका निर्माण यजदान बिल्डर ने किया था, उसके मालिकों की भी तलाश जारी है. 

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