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Pariksha Pe Charcha 2022: परीक्षा का तनाव जानलेवा, पिछले 7 सालों में 12,000 से ज्यादा Students ने की आत्महत्या  

आंकड़ों के अनुसार ‘परीक्षा में फेल’ होने के कारण 2014 से साल 2020 के बीच के कुल 12582 आत्महत्याएं हो चुकी हैं. पढ़ें अभिषेक सांख्यायन की खास रिपोर्ट

Pariksha Pe Charcha 2022: परीक्षा का तनाव जानलेवा, पिछले 7 सालों में 12,000 से ज्यादा Students ने की आत्महत्या  
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डीएनए हिंदीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) फिर से तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा से चर्चा (Pariksha Pe Charcha) कार्यक्रम की जरिए बच्चों से सीधा संवाद करेगें. परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य है कि तनाव मुक्त परीक्षा के लिए वातावरण तैयार किया जा सके. पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर परीक्षाओं का त्योहार मनाने की बात कही थी. मगर आइयए जानते हैं कि देश के बच्चों और युवाओं पर, परीक्षाओं को तनाव उनकी जान लेता जा रहा है. 

परीक्षा में फेल होने पर हर साल 2500 लोग जिंदगी हार जाते हैं  
हर साल करीब ढाई हजार बच्चे परीक्षा में फेल होने की वजह से जान देते हैं. NCRB के आंकड़ों के अनुसार ‘परीक्षा में फेल’ होने के कारण 2014 से साल 2020 के बीच के कुल 12582 आत्महत्याएं हो चुकी हैं.

साल आत्महत्या ( परीक्षा में फेल)
2014 2403
2015 2606
2016 2408 
2017 2540
2018 2625 
2019 2744
2020 2080

Pariksha pe charcha

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इन पांच राज्यों में देश की 60 प्रतिशत से ज्यादा आत्महत्याएं  
परीक्षा में फेल होने की कारण आत्महत्याओं के मामलों को अगर राज्यवार देखें तो देश के महज पांच राज्यों में 60 प्रतिशत से ज्यादा आत्महत्याएं होती है. झारंखड जैसे छोटे से राज्य में साल 2020 में 325 आत्महत्याएं हुई है. झारखंड राज्य इस दुर्भाग्यपूर्ण सूची में पहले नम्बर पर हैं. दूसरे नम्बर पर महाराष्ट्र और कर्नाटक आते हैं जहां हर 287-287 आत्महत्याएं परीक्षा में फेल होने की वजह से हुई.  

राज्य आत्महत्याएं (परीक्षा में फेल)
झारखंड 325
महाराष्ट्र 287
कर्नाटक 287
मध्यप्रदेश 235
गुजरात 162
कुल 1296

मेट्रो ही नहीं छोटे शहरों में भी हो रही है परीक्षा में फेल होने पर आत्महत्याएं  
वहीं अगर शहरों की बात करें तो साल 2020 में राजधानी दिल्ली में परीक्षा में फेल होने के कारण 56 लोगों ने जान दे दी. वहीं दूसरे मेट्रो शहर बेंगलुरु (40) और मुम्बई (29) का नम्बर आता है. मगर छोटे शहरों में तनाव कम नहीं है. गुजरात के सूरत में 41 और  झारखंड के धनबाद में 37 और रांची में 29 बच्चों और युवाओं ने जान दे दी.  

शहर कुल आत्महत्याएं 
दिल्ली  56
सूरत 41
बेंगलुरु 40
धनबाद 37
रांची 29
मुंबई 29

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