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महाराष्ट्र में दशहरा रैली बनी वर्चस्व की लड़ाई, किसके गुट में कितना दम, उद्धव-शिंदे की जी-तोड़ तैयारी

उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट दोनों ही असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं और दोनों की दशहरा रैली को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.

महाराष्ट्र में दशहरा रैली बनी वर्चस्व की लड़ाई, किसके गुट में कितना दम, उद्धव-शिंदे की जी-तोड़ तैयारी

एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे. (फाइल फोटो-PTI)

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में दशहरा रैली सीएम एकनाथ शिंदे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के लिए अब वर्चस्व की लड़ाई बन गई है. दोनों ही नेता इस रैली में अपना दमखम दिखाने के लिए जी-तोड़ तैयारी में जुटे हैं. हालांकि, दोनों गुटों की रैली अलग-अलग होने वाली हैं. एक तरफ जहां उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क में अपने गुट के कार्यकर्ताओं में अपनी ताकत दिखाएंगे. वहीं, दूसरी तरफ सीएम एकनाथ शिंदे अपने गुट को बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स ग्राउंड पर संबोधित करेंगे.

सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने प्रतिद्वंद्वी उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि आयोजन स्थल से कहीं अधिक महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं. उन्होंने कहा कि उनके खेमे की दशहरा रैली बड़े पैमाने पर सफल होगी. शिंदे का यह बयान उनके खेमे द्वारा दशहरा रैली किए जाने से पहले आया है. उन्होंने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) स्थित एमएमआरडीए मैदान का भी दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया. शिंदे ने कहा कि विशाल मैदान में रैली के लिए तैयारियां जोरशोर से जारी हैं. यह स्थल मातोश्री के पास है जो उपनगर बांद्रा में ठाकरे परिवार का निजी आवास है.

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गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट दोनों ही शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं और उनकी रैली को उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे मध्य मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में उसी दिन अपने खेमे की रैली को संबोधित करेंगे. शिंदे खेमे ने भी अपनी रैली शिवाजी पार्क में करने की अनुमति देने संबंधी एक अर्जी दी थी. लेकिन जब यह विषय बंबई हाईकोर्ट में आया तब अदालत ने उद्धव ठाकरे खेमे को अपना वार्षिक कार्यक्रम वहां करने की अनुमति दी.

1966 से शिवेसना में रैली की परंपरा
शिवसेना का 1966 में गठन होने के बाद से वार्षिक दशहरा रैली उसकी परंपरा रही है. शिंदे ने कहा, ‘मैंने आयोजन स्थल (BKC) का दौरा किया है और तैयारी पूरे जोरशोर से जारी है. हमारी तैयारियां मंगलवार को पूरी हो जाएंगी और यह रैली सफल रहेगी.’उन्होंने कहा, ‘आयोजन स्थल के बजाय सिद्धांत महत्वपूर्ण हैं. हम बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे ले जा रहे हैं.’ विधायकों और सांसदों ने रैली स्थल पर लोगों को लाने और ले जाने के लिए 4,000-5,000 बसों की व्यवस्था की है.

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उद्धव की शिवाजी पार्क में रैली के लिए पैदल आ रहे लोग
वहीं, शिवाजी पार्क में भी रैली के लिए उद्धव खेमा अपनी तैयारियां कर रहा है, जहां मंच बनाया जा रहा और उनके विश्वस्त शिवसैनिकों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है. तैयारियों का जायजा लेने के लिए उद्धव खेमे के शीर्ष नेतृत्व ने शिवसेना भवन में बैठक की जो दादर में पार्टी का मुख्यालय है. बीड जिले से कुछ शिवसैनिक शिवाजी पार्क की रैली में शामिल होने के लिए पैदल ही आ रहे हैं. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने कहा कि उद्धव गुट खेमा ही ‘मूल’ शिवसेना है.

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