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Shukra Pradosh Vrat: आश्विन में कब है शुक्र प्रदोष व्रत, पूजा का शुभ मुहूर्त, क्या है खास योग, महत्व

शुक्र प्रदोष व्रत जो आश्विन में आता है, वो खास होता है, इस बार अक्टूबर में कब है, पूजा विधि, शाम को ही क्यों पूजा करें, शुभ मुहूर्त, क्या संयोग है

Shukra Pradosh Vrat: आश्विन में कब है शुक्र प्रदोष व्रत, पूजा का शुभ मुहूर्त, क्या है खास योग, महत्व

शुक्र प्रदोष व्रत 

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डीएनए हिंदी: Shukra Pradosh Vrat Date, Shubh Muhurat and Sanyog- प्रदोष के व्रत वैसे भी शिव को अर्पित होते हैं, इसलिए खास होते हैं लेकिन आश्विन महीने के शुक्र प्रदोष के व्रत का महत्व काफी खास होता है. जीवन में सुख और सौभाग्य लाने के लिए और विवाहित जीवन को सफल बनाने के लिए शुक्र प्रदोष व्रत रखना चाहिए.इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. 7 अक्टूबर को यह व्रत आने वाला है, इस साल कुछ खास संयोग बन रहा है. रवि योग बन रहा है जिससे आपको चूंकना नहीं चाहिए. जानते हैं पूजा मुहूर्त, व्रत कथा, सामग्री और फल 

शुक्र प्रदोष व्रत तिथि 2022 (Vrat Tithi) 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 07 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है और यह तिथि अगले दिन 08 सितंबर को प्रात 05 बजकर 24 मिनट तक मान्य है. प्रदोष पूजा का मुहूर्त शाम के समय में होता है, इसलिए प्रदोष व्रत 07 अक्टूबर को रखा जाएगा

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शुक्र प्रदोष पूजा मुहूर्त 2022 (Vrat Shubh Muhurat)

07 अक्टूबर को शुक्र प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 06ः00 बजे से प्रारंभ हो रहा है, जो रात 08 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. इस दिन आपको शिव पूजा के लिए करीब ढाई घंटे का समय प्राप्त हो रहा है.

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शुक्र प्रदोष के दिन बना है रवि योग (Ravi Yog)

शुक्र प्रदोष व्रत के दिन रवि योग बना हुआ है. अच्छी बात यह है कि पूजा मुहूर्त के समय ही यह योग बन रहा है. रवि योग शाम को 06 बजकर 17 मिनट से अगले दिन 08 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 18 मिनट तक है.

शाम की पूजा का मुहूर्त

अगर आप प्रदोष व्रत के दिन शाम को पूजा नहीं कर सकते हैं तो दिन में कुछ मुहूर्त हैं, जिसमें आप पूजा कर सकते हैं. इस दिन के चैाघड़िया मुहूर्त के अनुसार, लाभ-उन्नति समय सुबह 07 बजकर 45 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक है. उसके बाद से अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 09 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है.

शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व (Significance in Hindi)

शुक्र प्रदोष व्रत को विधिपूर्वक रखने और शिव आराधना करने से दांपत्य जीवन खुशहाल होता है. सुख और समृद्धि आती है. जिन लोगों के दांपत्य जीवन में समस्याएं होती हैं, वे पति-पत्नी साथ में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से समस्याएं दूर होती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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