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US Fed Rate Hike: फेड रिजर्व की महंगाई से लड़ाई जारी, लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में 0.75 फीसदी इजाफा 

US Fed Rate Hike in Hindi: यूएस फेड की ओर से संकेत दिया गया है कि नवंबर के महीने में भी ब्याज दरों में 0.75 फीसदी का इजाफा किया जा सकता है. 

US Fed Rate Hike: फेड रिजर्व की महंगाई से लड़ाई जारी, लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में 0.75 फीसदी इजाफा 
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डीएनए हिंदीः अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने महंगाई के 40 साल में सबसे अधिक होने के कारण ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार 0.75 फीसदी का इजाफा (US Fed Rate Hike) कर दिया है. साथ ही इस बात के संकेत भी दे दिए हैं, साल 2023 में भी यह बढ़ोतरी लगातारी चारी रहेगी. जिसके 4.6 फीसदी तक करने का अनुमान है. इस बढ़ोतरी और फेड के आने वाले महीनों के नजरिए को देखते हुए मंदी के आने का संभावना को और ज्यादा बल मिल गया है. साथ ही इस बात की भी संभावना बढ़ गई है कि इस महीने के आखिर में होने वाली आरबीआई की एमपीसी की बैठक (RBI MPC Meet) में नीतिगत ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा हो सकता है. 

नवंबर में फिर हो सकता है 0.75 फीसदी का इजाफा 
फेड चेयरमैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि फेडरल रिजर्व आगे भी ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है. कमेटी की ओर से साफ कहा गया है कि इस साल के अंत तक ब्याज दर के 4.4 फीसदी और साल 2023 के अंत तक 4.6 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है. जिससे साफ संकेत मिल रहा है नवंबर के महीने में फेड नीतिगत ब्याज दरों में एक बार फिर से ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी का इजाफा कर सकता है. जेरोम पॉवेल ने कहा कि यह ब्याज दर बढ़ाने का फैसला एकमत से लिया गया है और केंद्रीय बैंक का बेंचमार्क फंड रेट बढ़कर 3 फीसदी से 3.25 फीसदी के रेंज में पहुंच गया है.

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करीब 14 साल बाद सबसे ऊंचा स्तर
फेड रेट की ब्याज दरों का यह बेंचमार्क लेवल 2008 में आई इकोनॉमिक क्राइसिस के बाद सबसे ऊंचा स्तर है. साल 2022 में फेड रेट 0 फीसदी पर थी, जिसे बढ़ाकर सवा तीन फीसदी तक लाया जा चुका है. अमेरिका में जैसे-जैसे महंगाई में इजाफा हुआ है, वैसे-वैसे ब्याज दरों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. केंद्रीय बैंक ने साफ कहा है कि महंगाई से जुड़ें रिस्क को लेकर वह काफी चौकस है. फेड ने भरोसा दिलाया है कि आने वाले महीनों में ब्याज दरों में इजाफा टारगेट रेंज अंदर ही किया जाएगा. इसके अलावा महंगाई को 2 फीसदी के दायरे तक लाया जाएगा. 

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आरबीआई पर बढ़ेगा दबाव 
फेड के इस फैसले से आरबीआई पर भी दबाव बढ़ता हुआ दिखाई दे सकता है. वास्तव कमें अगस्त के महंगाई के आंकड़ें अच्छे नहीं रहे हैं. रिटेल इंफ्लेशन 7 फीसदी और फूड इंफ्लेशन 7.4 फीसदी पर आने से सरकार और आरबीआई की चिंताओं की लीकरें और बढ़ गई हैं. जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अब आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी अपनी ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर सकती है. जिसके बाद रेपो दरें 5.90 फीसदी तक बढ़ जाएंगी. अब तक आरबीआई इस साल ब्याज दरों में 1.40 फीसदी का इजाफा कर चुकी है. 

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