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Veer Savarkar पर महाराष्ट्र में घमासान, ठाकरे ने साधा राहुल गांधी पर निशाना

Raj Thackeray ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 'कृष्णनीति' भी कहती है 'सर सलामत तो पगड़ी पचास'.

Veer Savarkar पर महाराष्ट्र में घमासान, ठाकरे ने साधा राहुल गांधी पर निशाना

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे. (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद घमासान मचा हुआ है. महाराष्ट्र में राहुल गांधी के बयान के बाद से सियासत और ज्यादा गर्म है. अब उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए पूछा, "क्या राहुल गांधी का कद सावरकर के बारे में बुरा बोलने का है, जिन्हें 50 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी? जेल से बाहर आने की रणनीति नाम की कोई चीज होती है. इसे समर्पण या माफी कैसे कहा जा सकता है?"

राहुल गांधी ने क्या कहा था?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक पत्र का हवाला देते हुए कहा था कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों को अंडमान सेलुलर जेल से दया की भीख मांगी थी. राहुल गांधी ने कहा था, "वीर सावरकर ने अंग्रेजों को लिखा, 'सर, मैं आपके सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की विनती करता हूं', और उस पर हस्ताक्षर किए. सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की. उन्होंने डर के मारे इस पत्र पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे नेताओं के साथ विश्वासघात किया."

पढ़ें- गांधी जी की हत्या के लिए सावरकर ने गोडसे को बंदूक खोजने में मदद की : तुषार गांधी

राज ठाकरे ने बताया रणनीति
राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राज ठाकरे ने रविवार को कहा कि सावरकर ने जो भी किया वह उन्होंने 'रणनीति' के तहत किया था. 'रणनीति' नाम की भी कोई चीज होती है. 'कृष्णनीति' भी कहती है 'सर सलामत तो पगड़ी पचास'. शिवाजी महाराज ने भी अपने किले मिर्जा राजे को दे दिए थे लेकिन वो गिफ्ट नहीं थे वह रणनीति का हिस्सा थे.

पढ़ें- शिवसेना ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराई FIR, सावरकर पर बयान नहीं आया रास

राज बोले- महापुरुषों को न करें बदनाम
अपने भाषण के दौरान राज ठाकरे ने कहा कि इतिहास के नेताओं और दिग्गजों पर लड़ने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं यह भाजपा और कांग्रेस दोनों से कह रहा हूं.पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे हमारे नेताओं की विरासत को बदनाम करने का कोई मतलब नहीं है. देश में बेरोजगारी जैसी कई समस्याएं हैं."

(ANI)

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