Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी कांग्रेस एसोसिएशन द्वारा बनाई जा रही है 75 सैटेलाइट, ISRO करेगा लॉन्च

भारतीय प्रौद्योगिकी कांग्रेस एसोसिएशन द्वारा 75 सैटेलाइट्स के निर्माण पर काम किया जा रहा है.

75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी कांग्रेस एसोसिएशन द्वारा बनाई जा रही है 75 सैटेलाइट, ISRO करेगा लॉन्च

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः भारतीय शिक्षाविद 75 सैटेलाइट्स के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं. इन सैटेलाइट्स को 15 अगस्त 2022 और 2023 के बीच ISRO द्वारा लॉन्च किए जाने की उम्मीद है. यह प्रयास 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किए जा रहे हैं. यह परियोजना ISRO के सैटेलाइट के डिजाइन और विकास के प्रमुख केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ. मायिलसामी अन्नादुरई के तकनीकी मार्गदर्शन में चल रही है. इस परियोजना के बारे में Zee Media के अंग्रेजी न्यूज चैनल WION के सिदार्थ ने डॉ. मायिलसामी अन्नादुरई से बातचीत की.  

डॉ. मायिलसामी अन्नादुरई ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी कांग्रेस एसोसिएशन (आईटीसीए) द्वारा शुरू की गई इस परियोजना का उद्देश्य विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और स्कूलों को एक साथ लाना है जिससे वह अपने स्वयं के छात्र-निर्मित उपग्रहों को डिजाइन, निर्माण, एकीकृत और परीक्षण करेंगे.

उन्होंने बताया कि 2021 में  भारतीय शिक्षाविदों ने 'UNITYSat'नाम से जाने वाले 3 उपग्रहों का निर्माण किया था जिन्हें इसरो के PSLV C51 अमेजोनिया मिशन में सह-यात्री के रूप में लॉन्च किया था. 

डॉ. अन्नादुरई ने कहा कि कुछ प्रमुख सबक जो छात्रों ने यूनिटीसैट के निर्माण के दौरान सीखे हैं, उन्हें 75 सैटेलाइट के निर्माण की चल रही परियोजना में लागू किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आगामी उपग्रहों में शामिल की जा रही नई प्रणालियों का परीक्षण करने के लिए आने वाले महीनों में एक इंजीनियरिंग मॉडल शुरू किया जाएगा

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के सफलतापूर्वक पूरा हो जाने के बाद छात्रों को भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप के समर्थन से नैनो-उपग्रहों के निर्माण और संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 75 सैटेलाइट्स में प्रत्येक का एक अलग उद्देश्य है. जैसे - छवियों को कैप्चर करना, डेटा एकत्र करना, विकिरण की निगरानी करना.

डॉ. अन्नादुरई ने आगे बताया कि 75 नैनो सैटेलाइट्स का उपयोग इंटरनेट ऑफ थिंग्स, लो-अर्थ कम्युनिकेशन, इंटर-सैटेलाइट कम्युनिकेशन जैसी अवधारणाओं का परीक्षण करने के लिए भी किया जाएगा. भले ही कुछ उपग्रह विफल हो जाएं यह मिशन को जारी रखने के इरादे से किया जा रहा है . इस परियोजना में सुधार की क्षमता है, हमें 75 सैटेलाइट मिशन से भी आगे जाना है. 

पढ़ें- Dark Web के जरिए कैसे होते हैं अपराध, क्यों पुलिस नहीं कर पाती है ट्रेस?

उन्होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने आईटीसीए के सहयोग से 75 नैनो सैटेलाइट्स के डिजाइन, विकास, निर्माण, परीक्षण और प्रक्षेपण सुनिश्चित करने के इस मिशन में प्रमुख भूमिका मुझे दी है.  कुछ हफ्तों में इसरो के भीतर और बाहर के विशेषज्ञों वाली परियोजना निगरानी समिति को मिशन की प्रगति को ट्रैक करने और इसकी सुविधा सुनिश्चित करने के लिए  बैठक की जाएगी. 

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement