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Rahul Gandhi ने चीन-PAK को लेकर बोला था केंद्र पर हमला, अब अमेरिका ने दिया यह जवाब

राहुल गांधी ने संसद में भारत सरकार की विदेश नीति की आलोचना की थी  

Rahul Gandhi ने चीन-PAK को लेकर बोला था केंद्र पर हमला, अब अमेरिका ने दिया यह जवाब

कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फाइल फोटो क्रेडिट- Facebook/rahulgandhi)

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डीएनए हिंदीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को संसद में केंद्र सरकार की विदेश नीति की जमकर आलोचना की. राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की गलत नीतियों के चलते चीन और पाकिस्तान साथ आए. इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने कहा कि वह इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करते. 

क्या कहा था राहुल गांधी ने? 
राहुल गांधी ने संसद में भारत सरकार की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा था, 'आपकी नीति ने चीन और पाकिस्तान को एकजुट करने का काम किया है और यह सबसे बड़ी चुनौती भारत के सामने है. राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश को ‘शहंशाह’ की तरह चलाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने इस सरकार की नीतियों के चलते आज देश आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर ‘बड़े खतरे’ का सामना कर रहा है. उन्होंने ने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार की नीति के कारण ही आज चीन और पाकिस्तान एक साथ आ गए हैं.

यह भी पढ़ेंः Modi Govt. में अमीरों और गरीबों के लिए दो हिंदुस्तान बन गए: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आप खतरे से खेल रहे हैं. मेरी सलाह है कि रुक जाइए.’’ सीमा पर चीन की आक्रामकता और पाकिस्तान की सीमा से जुड़ी चुनौती को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि आप खतरे को हल्के में मत लीजिए. आप चीन और पाकिस्तान को साथ ला चुके हैं. मुझे कोई संदेह नहीं है कि चीन के पास स्पष्ट योजना है. इसकी बुनियाद डोकलाम और लद्दाख में रख दी गई है. यह देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है. आपने जम्मू-कश्मीर और विदेश नीति में बहुत बड़ी रणनीतिक गलतियां की हैं. आपने दो मोर्चों को एक मोर्चे में बदल दिया है. 

 राहुल की टिप्पणी पर अमेरिका का क्या जवाब 
राहुल गांधी के बयान पर अमेरिका ने पटलवार किया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, “यह पाकिस्तान और चीन का मुद्दा है और इसे उन दोनों देशों पर ही छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं निश्चित रूप से उन टिप्पणियों का समर्थन नहीं करूंगा. इसके बाद नेड प्राइस से पूछा गया कि आपको क्या लगता है कि पाकिस्तान चीन के साथ इतनी निकटता से क्यों काम कर रहा है? क्या आपको लगता है US ने उन्हें अलग थलग छोड़ दिया? इस पर उन्होंने कहा कि हमने दुनिया के सामने यही स्पष्ट किया है कि किसी भी देश को अमेरिका और चीन में किसी एक को चुनने की जरूरत नहीं है. जब अमेरिका के साथ संबंधों की बात आती है तो हमारा इरादा देशों को विकल्प प्रदान करने का रहता है.  

 

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