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Air Polution से परेशान दिल्ली सरकार बैन कर सकती है BS-4 डीजल गाड़ियां

Delhi Air Pollution: राजधानी में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. सरकार वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से पुरानी डीजल गाड़ियों पर बैन लगा सकती है. कुछ एक्सपर्ट्स का मामना है कि अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली में बड़ा संकट पैदा हो सकता है...

Air Polution से परेशान दिल्ली सरकार बैन कर सकती है BS-4 डीजल गाड़ियां

प्रतीकात्मक तस्वीर

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डीएनए हिन्दी: राजधानी में बढ़ रहे वायु प्रदूषण (Air Polution) को कम करने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) गंभीरता से विचार कर रही है. सरकार वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से पुरानी डीजल गाड़ियों पर बैन लगा सकती है. दिल्ली सरकार के मुताबिक अगर दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (Air Quality Index) 450 के ऊपर पहुंचता है तो 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर बैन लगा दिया जाएगा. इस बात का खुलासा सरकार के ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan ) में किया गया है. 

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा कि फिलहाल उनकी सरकार बीएस-4 (BS-4) डीजल गाड़ियों पर प्रस्तावित प्रतिबंध से होने वाली व्यावहारिक समस्याओं पर विचार कर रही है. गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर तक बढ़ने पर इन गाड़ियों पर प्रतिबंध की सिफारिश की है.

गोपाल राय ने कहा कि हम लोगों से चर्चा के बाद ही इस पर कोई निर्णय लेंगे. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण 450 से ज्यादा होने पर डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने की पहली बार सिफारिश की गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बैन से करीब 9.50 लाख गाड़ियों पर असर पड़ सकता है. हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे दिल्ली में संकट भी पैदा हो सकता है.

गोपाल राय ने कहा कि आयोग ने इमर्जेंसी में बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने की सिफारिश की है. हम इसकी आगे समीक्षा करेंगे. प्रैक्टिकल समस्याओं पर विचार करने और लोगों से चर्चा के बाद ही हम कोई फैसला करेंगे. 

ध्यान रहे कि एक्यूआई इंडेक्स के शून्य और 50 के बीच रहने को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच रहने पर ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच रहने पर ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच रहने पर खराब, 301 और 400 के बीच की स्थिति ‘बहुत खराब’ और 401 तथा 500 के बीच की स्थिति ‘गंभीर’ मानी जाती है. 

गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सीएक्यूएम के कई निर्देशों के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है, क्योंकि पड़ोसी राज्य इन निर्देशों को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं हैं. उन्होंने कहा जब तक सभी राज्य  इस मुद्दे पर एक साथ नहीं आएंगे तब तक इस समस्या का स्थाई समाधान संभव नहीं है.

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