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अपनी खराब फॉर्म का ठीकरा KL Rahul ने टाइट शेड्यूल पर फोड़ा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वापसी की उम्मीद

KL Rahul ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सिर्फ 57 रन बनाए. वह पिछली 8 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतकीय पारी खेल सके हैं.

अपनी खराब फॉर्म का ठीकरा KL Rahul ने टाइट शेड्यूल पर फोड़ा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वापसी की उम्मीद

kl rahul accepts failure in test cricket but blames tight schedule for his current form

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डीएनए हिंदी: इस साल टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में भारत का प्रदर्शन आईसीसी, मल्टी-टीम इवेंट्स में व्हाइट-बॉल क्रिकेट में प्रदर्शन की तुलना में बेहतर रहा है. हालांकि भारतीय उपकप्तान केएल राहुल (KL Rahul) की फॉर्म चिंता का विषय बनी हुई है. लगातार रन के लिए संघर्ष कर रहे राहुल को श्रीलंका (IND vs SL) के खिलाफ होने वाली व्हाइट बॉल क्रिकेट सीरीज से ड्रॉप किया जा सकता है. राहुल का फॉर्म सिर्फ टेस्ट में ही नहीं बल्कि वनडे और टी20 में भी खराब रही है. टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) में भी राहुल कुछ खास नहीं कर पाए थे जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर किए जाने की मांग हो रही है. 

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सिर्फ केएल राहुल का ही नहीं बल्कि विराट कोहली (Virat Kolhi) का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में अच्छा नहीं रहा है. हालांकि पूर्व कप्तान ने इस साल व्हाइट बॉल क्रिकेट में कुछ बेहतरीन और ऐतिहासिक पारियां खेली हैं.  ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत की नई चयन समीति इन दोनों पर विचार कर सकती है, हालांकि राहुल का मानना है कि टाइट शेड्यूल की वजह से उनका फॉर्म गिरा है और तीनों फॉर्मेट खेलना भी एक वजह है. मीरपुर टेस्ट में जीत हासिल करने के बाद राहुल ने कहा, “जब आप तीनों फॉर्मेट खेलते हैं, तो एक फॉर्मेट से दूसरे फॉर्मेट में जाना थोड़ा मुश्किल होता है. उस परिस्थिति में ढलने में थोड़ा समय लगता है.”  

'तीनों फॉर्मेट खेलना है बड़ी चुनौती'

राहुल ने इस बांग्लादेश सीरीज में सिर्फ 57 रन बनाए. अपनी पिछली आठ टेस्ट पारियों में वह सिर्फ  एक अर्धशतक लगा पाए हैं. उन्होंने आगे कहा, " “जाहिर है, इस सीरीज में मेरा प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था. मैं इसे मानता हूं. मैंने अपनी पूरी कोशिश की लेकिन वह काम नहीं आया. मैं आगे के बारे में सोच रहा हूं कि अगली बार मैं क्या बेहतर कर सकता हूं. हमारे शेड्यूल हममें से कुछ के लिए बहुत टाइट है, जो सभी फॉर्मेट खेलते हैं. लेकिन यह हमारे लिए चुनौती है. हम रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल क्रिकेट के बीच और अधिक समय चाहते थे ताकि हम सबसे बड़े फॉर्मेट को खेलने के लिए अभ्यस्त हो सकें."

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