Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

इस लड़की ने पहले किया UPSC परीक्षा पास करने का दावा, अब मांगी माफी, कहा- 'अनजाने में गलती हो गई'...

मामले के सामने आने के बाद परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनका फर्जी खबर या झूठे दावे फैलाने का कोई इरादा नहीं था.

इस लड़की ने पहले किया UPSC परीक्षा पास करने का दावा, अब मांगी माफी, कहा- 'अनजाने में गलती हो गई'...
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: कई बार जाने-अनजाने में इंसान से ऐसी गलती हो जाती है जिसके चलते उसे बाद में शर्मिंदा होना पड़ता है. ऐसा ही हुआ है झारखंड की रहने वाली 24 साल की दिव्या के साथ. दिव्या ने बीते दिनों यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाने का दावा किया था. हालांकि, अब उनके परिवार की ओर से कहा गया है कि परीक्षा उनकी बेटी दिव्या पांडेय ने नहीं बल्कि दक्षिण भारत की रहने वाली किसी और दिव्या ने पास की है. 

दरअसल, दिव्या पांडे के परिवार का कहना था कि उनकी बेटी ने पहले ही अटेंप्ट में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है लेकिन फिर बीते शुक्रवार को उन्होंने जिला प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) से माफी मांगी जिन्होंने दिव्या के इस दावे के बाद उसे सम्मानित किया था. इसके अलावा दिव्या के परिजनों ने भी मीडिया से भी माफी मांगते हुए कहा कि 'अनजाने में हुई गलती' है.

ये भी पढ़ें- Kanpur Violence: बीच बाजार में हुआ था जमकर बवाल, देखिए हिंसा का नया वीडियो

मामले को लेकर दिव्या पांडे की बड़ी बहन प्रियदर्शनी पांडे ने बाताया, 'मेरी बहन को उत्तर प्रदेश में रहने वाले उसके एक दोस्त ने सूचित किया था कि दिव्या ने यूपीएससी में 323वां रैंक हासिल किया है. इसके बाद हमने यूपीएससी की वेबसाइट पर परिणाम की जांच करने की कोशिश की लेकिन उस वक्त इंटरनेट काम नहीं कर रहा था जिस कारण हमने खुद से रिजल्ट नहीं देखा और उसकी बात पर भरोसा कर घोषणा कर दी. यह अनजाने में हुई गलती थी.'

वहीं, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बिना किसी कोचिंग के स्मार्ट फोन और इंटरनेट की मदद से पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास करने के परिवार के दावों के बाद दिव्या पांडे के पिता को सम्मानित कर दिया. इसके बाद इन दावों की मीडिया में खूब चर्चा हुई. 

ये भी पढ़ें- Kanpur Violence: कानपुर हिंसा पर CM Yogi सख्त, उपद्रवियों पर लगेगा गैंगस्टर एक्ट

दिव्या का कहना था, 'मैंने रोजाना लगभग 18 घंटे पढ़ाई की और एनसीईआरटी की बहुत सारी किताबें पढ़ीं. यही वजह है कि मुझे पहले अटेंप्ट में सफलता हासिल हुई.' 

हालांकि, मामले के सामने आने के बाद परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनका फर्जी खबर या झूठे दावे फैलाने का कोई इरादा नहीं था. फिलहाल रामगढ़ के अधिकारियों ने इस संबंध में लड़की या उसके परिवार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. पुलिस का कहना है कि ये मानवीय भूल है.
 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement