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Ukraine Crisis: बिगड़ते हालात के बीच भारतीय दूतावास अधिकारियों के परिवारों को भी देश लौटने का निर्देश

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध संकट को देखते हुए भारत ने आज कीव दूतावास में भारतीय अधिकारियों के परिवारों को भी देश लौटने का निर्देश दिया है.

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Ukraine Crisis: बिगड़ते हालात के बीच भारतीय दूतावास अधिकारियों के परिवारों को भी देश लौटने का निर्देश
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डीएनए हिंदी: यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव के बीच भारतीय दूतावास के अधिकारियों के परिवारों को भी देश लौटने का निर्देश दिया गया है. हालिया घटनाक्रम को देखते हुए सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए चिंतित है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने भी तनाव बढ़ते देखकर तत्काल सीजफायर लागू करने की मांग की है. देश के पूर्वी हिस्से में रूस ने भारी संख्या में सैनिक तैनात किए हैं जिसके बाद से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. 

यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय
यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय हैं जिनमें 18000 छात्र हैं. इनमें से ज्यादातर छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए गए हैं. भारतीय दूतावास ने पहले ही छात्रों और भारतीय नागरिकों से देश वापस लौटने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. शनिवार को जर्मनी ने भी अपने नागरिकों को तत्काल वापस लौटने का निर्देश दिया था. अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन जैसे देश भी अपने नागरिकों को वापस बुला चुके हैं. 

पढ़ें: Russia-Ukraine Tension: क्या है False Flag Attack? क्या आज के समय में भी यह है संभव

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने की थी तनाव कम करने की अपील 
बता दें कि भारत बार-बार नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में भी भारत की ओर से दिए बयान में कहा गया था कि तनावपूर्ण परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए. भारत की ओर से राजदूत टी. एस. तिरुमूर्ति ने कहा था, सभी देशों के वाजिब सुरक्षा हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए. साथ ही इस क्षेत्र में लंबे समय तक जारी रहने वाली शांति और स्थिरता के उद्देश्य को ध्यान में रखकर कोई भी कदम उठाना अपेक्षित है.'

Minsk समझौते के पालन पर भारत ने दिया जोर
2014 और 2015 में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में समझौते हुए थे. इसे मिन्स्क समझौता (Minsk Agreeement)कहते हैं. भारत ने इस समझौते के तहत दोनों देशों से बढ़ने का आग्रह किया है. यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष और यूक्रेन में समर्थित विद्रोहियों के संघर्ष को खत्म करने और क्षेत्र में शांति के लिए यह समझौता लागू किया गया था. हालांकि इस समझौते पर कभी भी पूरी तरह से अमल नहीं किया गया है. 

इनपुट: सिद्धार्थ सिब्बल

पढ़ें: Ukraine Crisis: जर्मनी का अपने नागरिकों को तत्काल देश छोड़ने का निर्देश, नहीं टलेगा युद्ध?

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