Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Retirement Planning: 60 के बाद तैयारी के लिए 3 बेहतरीन स्कीम हैं, मिलेगा दमदार रिटर्न

Retirement planning: इनमें सरकार और बाजार से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं. इनमें अच्छा रिटर्न है और चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ है.

Latest News
Retirement Planning: 60 के बाद तैयारी के लिए 3 बेहतरीन स्कीम हैं, मिलेगा दमदार रिटर्न

Retirement Planning

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: बुढ़ापे (Retirement Planning) की तैयारी के लिए बाजार में कई तरह की योजनाएं मौजूद हैं. लेकिन, 60 के बाद तैयारी के लिए कुछ खास स्कीमें बेहतरीन हैं, जिनमें निवेश पर रिटर्न भी दमदार हो सकता है. अगर आप लंबी अवधि के निवेश और अपने रिटायरमेंट फंड की तैयारी कर रहे हैं तो इन विकल्पों में आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), वॉलंटरी प्रॉविडेंट फंड (VPF) और ELSS में निवेश से अच्छा रिटर्न मिल सकता है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) इस योजना को बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है.किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में भी ट्रांसफर किया जा सकता है. इसे खोलने के लिए सिर्फ 500 रुपये ही काफी हैं. हर साल 500 रुपये एक बार में जमा करना जरूरी है. खाते में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. यह योजना 15 साल के लिए है, जिससे बीच में पैसा नहीं निकाला जा सकता है।.लेकिन इसे 15 साल बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.

ऋण और आंशिक निकासी छूट प्राप्त करें

PPF को 15 साल से पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल के बाद इस खाते पर लोन लिया जा सकता है. कोई चाहे तो इस खाते से नियम के तहत 7वें साल से पैसे निकाल सकता है. हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है. ब्याज दरें अधिक या कम हो सकती हैं. फिलहाल 7.1 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है. 80सी के तहत आपको योजना में निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इनमें कोई भी निवेश कर सकता है.

स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF)

मूल वेतन का केवल 12 प्रतिशत ही ईपीएफ में योगदान किया जा सकता है. लेकिन, वीपीएफ (Voluntary Provident Fund) में निवेश करने की कोई सीमा नहीं है. मतलब अगर कर्मचारी अपनी इन-हैंड सैलरी को कम रखकर भविष्य निधि में अपना योगदान बढ़ाता है, तो इस विकल्प को वीपीएफ कहा जाता है. VPF में भी EPF के समान 8.1 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है. यह योजना ईपीएफ का ही विस्तार है. इसे केवल नौकरीपेशा ही खोल सकते हैं. इसमें मूल वेतन और डीए का 100% निवेश किया जा सकता है.

वीपीएफ के लिए क्या करें?

आपको अपनी कंपनी की एचआर या वित्त टीम से संपर्क करना होगा. वीपीएफ में अंशदान मांगा जाना है. VPF प्रोसेस होते ही आपके EPF अकाउंट में जुड़ जाएगा. VPF का अलग से कोई खाता नहीं खोला जाता है. वीपीएफ अंशदान को हर साल संशोधित किया जा सकता है. हालांकि, नियोक्ता वीपीएफ में निवेश करने के लिए बाध्य नहीं है. कर्मचारी केवल अपना योगदान बढ़ा सकता है.

वीपीएफ से जुड़ी खास बातें

अगर आप जॉब बदलते हैं तो आप इस अकाउंट को आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं. इस पर लोन भी मिलता है. इससे बच्चों की पढ़ाई, होम लोन, बच्चों की शादी के लिए भी लोन लिया जा सकता है. VPF खाते से पैसे की आंशिक निकासी के लिए खाताधारक को 5 साल तक काम करना जरूरी है. अगर यह 5 साल से कम है तो टैक्स काटा जाता है. वीपीएफ की पूरी रकम रिटायरमेंट पर ही निकाली जा सकती है. VPF को आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर कटौती का लाभ मिलता है. निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी (ईईई) पर मिलने वाला पैसा पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. सेवानिवृत्ति योजना के लिए यह योजना बहुत अच्छी है.

ईएलएसएस- इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम

देश में 42 म्यूचुअल फंड कंपनियां टैक्स सेविंग स्कीम चलाती हैं. इनकम टैक्स बचाने के लिए हर कंपनी के पास ELSS होता है. इसे ऑनलाइन या किसी एजेंट से खरीदा जा सकता है. इनकम टैक्स बचाने के लिए एकमुश्त निवेश की सीमा कम से कम 5 हजार रुपये है और अगर आप हर महीने निवेश करना चाहते हैं तो कम से कम 500 रुपये महीने का निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट ली जा सकती है, लेकिन अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.

कोई ब्याज नहीं, बाजार से जुड़ा रिटर्न

इस योजना में 3 साल के लिए लॉक-इन है. बाद में निवेशक चाहे तो पैसे निकाल सकता है। 3 साल बाद आप चाहें तो इसे पूरी तरह से वापस लिया जा सकता है. आंशिक निकासी का भी विकल्प है. आप जब तक चाहें योजना में पड़ा हुआ बचा हुआ पैसा छोड़ सकते हैं. ईएलएसएस की खास बात यह है कि यह निवेश पर ब्याज की जगह बाजार से जुड़ा रिटर्न देता है. ELSS म्यूचुअल फंड कैटेगरी ने पिछले 10 साल में करीब 8.5 फीसदी का रिटर्न दिया है.

किसी को कहां निवेश करना चाहिए?

तीनों विकल्पों में निवेश पर टैक्स छूट पाने की सुविधा है. लेकिन, फिर भी तीनों अलग-अलग लाभ वाली योजनाएं हैं. अगर आप नौकरीपेशा हैं तो वीपीएफ में निवेश करना सही रहेगा. क्योंकि यहां से आपको पीपीएफ और ईएलएसएस से ज्यादा ब्याज मिलेगा. वहीं अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तो उनके लिए ईएलएसएस एक बेहतर विकल्प है. इसमें एसआईपी के जरिए पैसा लगाना चाहिए, जिसमें हर महीने निवेश किया जाता है. इससे निवेश पर जोखिम कम होता है और अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं अगर आप बाजार के जोखिम से दूर रहना चाहते हैं तो पीपीएफ में निवेश करना सही रहेगा.

यह भी पढ़ें:  7th Pay Commission : इस दिन आएगा DA का एरियर, कर्मचारियों को मिलेगा 2 लाख रुपये से ज्यादा

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement