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LPG सिलेंडर की सब्सिडी पर आ सकता है बड़ा फैसला, खास प्लान की तैयारी में सरकार

मोदी सरकार LPG सिलेंडर की सब्सिडी के लिए एक नया नियम लाने की तैयारी कर रही है जिसमें कई लोग सब्सिडी के दायरे से बाहर हो सकते हैं.

LPG सिलेंडर की सब्सिडी पर आ सकता है बड़ा फैसला, खास प्लान की तैयारी में सरकार

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डीएनए हिंदी: देश में LPG सिलेंडर की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है. वहीं इस बढ़ती कीमत से आम जनता में विशेष आक्रोश दिख रहा है. ऐसे में सरकार एक नया प्लान बना रही है जिसके तहत केवल कुछ खास लोगों को ही सब्सिडी दी जाएगी. अन्य सभी लोगों की सब्सिडी को सरकार वापस लेने पर काम कर सकती है. इससे जहां सरकार पर पड़ने वाला बोझ कम होगा तो वहीं केवल ज़रूरमंद लोगों को ही एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी मिलेगी. 

सरकार ने बनाया यह प्लान

दरअसल, सरकार के एक आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) में एक खबर सामने आई है जिसके मुताबिक उपभोक्ता एक सिलेंडर के लिए 1,000 रुपये तक देने के लिए तैयार हैं. सूत्रों के अनुसार एलपीजी सिलेंडर को लेकर सरकार दो प्लान पर काम कर रही है. पहला यह कि सरकार बिना सब्सिडी के सिलेंडर सप्लाई करेगी. वहीं दूसरा प्लान यह भी हो सकता है कि कुछ चुनिंदा उपभोक्ताओं को ही सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. 

क्या हो सकता है पैमाना 

मोदी सरकार ने अभी इस नए प्लान को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं दिया है किन्तु यह माना जा रहा है कि 10 लाख रुपये तक इनकम के नियम को लागू रखा जाएगा और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सब्सिडी का लाभ मिलेगा. आपको बता दें कि सरकार अपने नए प्लान के तहत अन्य सभी लोगों के लिए सब्सिडी खत्म को पूरी तरह से कम कर सकती है. 

सरकार देती है डायरेक्ट सब्सिडी

गौरतलब है कि गैस सिलेंडर की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. हालांकि इस महीने अब तक घरेलू गैस की कीमत का कोई भी अपडेट नहीं आया है. वहीं एक सत्य यह भी है कि सब्सिडी के सिस्टम में भी अनेकों परेशानियों से आम जनता को नुक़सान होता है. वहीं सरकार पर इस सब्सिडी से अतिरिक्त दबाव पड़ता है. 

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आपको बता दें कि गैस सिलेंडर की सब्सिडी पर सरकार का खर्च वित्तीय वर्ष 2021 के दौरान 3,559 रुपये रहा था. वित्तीय वर्ष 2020 में यह खर्च 24,468 करोड़ रुपये का था. दरअसल ये डीबीटी स्कीम के तहत है जिसकी शुरुआत जनवरी 2015 में की गई थी. इसके तहत ग्राहकों को गैर सब्सिडी एलपीजी सिलेंडर का पूरा पैसा चुकाना होता है. वहीं, सरकार की तरफ से सब्सिडी का पैसा ग्राहक के बैंक खाते में रिफंड कर दिया जाता है. 

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