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Symptoms Of Weak Uterus: इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, कमजोर यूट्रेस के हो सकते हैं संकेत

Health Tips for Uterus: कई बार अपने हेल्थ इश्यूज के कारण महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती हैं. ऐसा फर्टिलिटी की कमी की वजह से या फिर कमजोर गर्भाशय की वजह से हो सकता है. इसलिए गर्भाशय से जुड़ी जरूरी जानकारी महिलाओं को पता होना चाहिए.

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Symptoms Of Weak Uterus: इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, कमजोर यूट्रेस के हो सकते हैं संकेत

छोटी-छोटी बीमारियां कई बार बड़ी बन जाती हैं.

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डीएनए हिंदी : पुरुष या स्त्री के कई ऐसे हेल्थ इश्यू हैं जो संतान पैदा करने में बाधक हैं. कई बार अपने हेल्थ इश्यूज के कारण महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती हैं. ऐसा फर्टिलिटी की कमी की वजह से या फिर कमजोर गर्भाशय की वजह से हो सकता है. इसलिए गर्भाशय से जुड़ी जरूरी जानकारी महिलाओं को पता होना चाहिए. 
इस बारे में विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्भाशय कमजोर होने की वजह से भी उसमें भ्रूण का ठहरना मुश्किल हो जाता है. गर्भाशय के कमजोर होने के भी कई लक्षण हैं. इन लक्षणों के आधार पर हम जान सकते हैं कि कंसीव न करने की वजह क्या है.

पेल्विक एरिया में दर्द

आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता ने एक वेबसाइट को बताया कि किसी महिला का गर्भाशय यानी यूट्रस अगर कमजोर होगा, तो अक्सर उसे पेल्विक एरिया में दर्द या भारीपन का अहसास होगा. ये दर्द कभी सामान्य, तो कभी-कभी तीव्र होता है. यही नहीं, कई बार महिलाओं को रुक-रुक कर भी दर्द का अहसास हो सकता है.

असामान्य ब्लीडिंग

डॉ. शोभा गुप्ता के मुताबिक, कमजोर गर्भाशय वाली महिलाओं को अक्सर हैवी ब्लीडिंग या ऐबनॉर्मल ब्लीडिंग होती है. हैवी ब्लीडिंग का साइकिल भी लंबा चल सकता है. पीरियड्स को लेकर अगर अक्सर परेशानी बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

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मिसकैरिज की आशंका

कई बार ऐसे केस भी सामने आते हैं कि कमजोर गर्भाशय होने के बावजूद महिला ने किसी तरह कंसीव कर लिया. लेकिन ऐसा गर्भ लंबे समय तक नहीं ठहर पाता. ऐसे में मिसकैरिज की आशंका ज्यादा होती है. इसका बुरा असर महिला की सेहत पर भी पड़ता है.

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पीठ दर्द

डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं कि खराब जीवनशैली के कारण पीठ दर्द सामान्य समस्या हो चुकी है. महिलाओं के साथ एक समस्या यह भी है कि वे अपनी सेहत पर कम ध्यान देती हैं, वर्कआउट कम करती हैं और एक ही जगह घंटों बैठकर काम करती हैं, नतीजतन उनका पीठ में दर्द बढ़ जाता है. लेकिन कई बार यह दर्द किसी अन्य बीमारी का भी संकेत हो सकता है. जैसे, बच्चादानी कमजोर होने पर कुछ महिलाओं की पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है. इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

गर्भाशय के आकार में परिवर्तन

बच्चेदानी कमजोर होने पर महिला के गर्भाशय के आकार में बदलाव हो जाता है. अल्ट्रासाउंड के जरिए इसका पता लगाया जाता है. इससे यह स्पष्ट होता है कि महिला का गर्भाशय कमजोर है या नहीं.

(Disclaimer: ये सिम्पटम आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए हैं. ऐसा कोई लक्षण दिखे तो किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.)

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