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Miscarriage Reasons: बार-बार अबॉर्शन होने के पीछे होती हैं ये वजहें

Repeated Miscarriage: क्‍या गर्भधारण (Pregnacy) करने के कुछ ही महीनों बाद आपका गर्भपात (Abortion) हो जाता है? तो इसके पीछे कई कारण जिम्‍मेदार हो सकते हैं.

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Miscarriage Reasons: बार-बार अबॉर्शन होने के पीछे होती हैं ये वजहें

कई बार गर्भपात के पीछे हो सकती हैं ये वजहें

 

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डीएनए हिंदी: बार-बार अबॉर्शन (Many Times Abortion) होना आपके शारीरिक कमजोरी (Physical Weakness) का कही कारण नहीं होती, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. अक्‍सर उन महिलाओं में गर्भपात का खतरा ज्‍यादा होता है, जिन्‍हें गर्भधारण (Conceive) करने के दौरान भी परेशानी होती है. 

अगर गर्भपात बार-बार हो तो उसे खतरे का संकेत समझना चाहिए, क्‍योंकि इसके पीछे की वजहें गंभीर हो सकती हैं. हालांकि शारीरिक बनावट भी इसमें बहुत मायने रखती है तो चलिए जानें कि अबॉर्शन होने के पीछे क्‍या- क्‍या कारण जिम्‍मेदार होते हैं. 

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Causes of Miscarriage- अबॉर्शन के कारण 

  • अगर आप ओवर एज हैं तो संभव है आपको कंसीव करने यानी गर्भधारण करने में भी परेशानी आएगी और अगर आपने गर्भधारण कर भी लिया तो आपके मिसकैरिज की संभावना ज्‍यादा होगा. गर्भधारण की बेस्‍ट उम्र 25 साल से 30 साल के बीच मानी जाती है. 30 की उम्र के बाद गर्भधारण कई समस्‍याओं का कारण बनने लगता है. उम्र बढ़ने के साथ कुछ मह‍िलाओं में क्रोमोजोम के लक्षण नजर आते हैं जो भ्रूण का पूर्ण व‍िकास में बाधा पैदा करते हैं और इससे बार-बार गर्भपात होता है. 
  • अगर आप वेट ज्‍यादा है तो संभव है कि आपके बार बार अबॉर्शन की वजह भी ये हो. वजन ज्‍यादा होना डायब‍िटीज (diabetes) और थायराइड (thyroid) की समस्‍या भी पैदा करता है. कई बार बढ़ा हुआ वजन हाई बीपी की वजह बन जाता है और अबॉर्शन  हो जाता है. या हाई कोलेस्‍ट्रॉल से भी दिक्‍कत हो सकती है. 
  • जिन महिलाओं को फायब्रॉइड्स( Fibroids) कीसमस्‍या होती है उनके गर्भाशय में गांठ बनने लगते हैं और इससे अबॉर्शन का खतरा बढ़ जाता है. गर्भाशय में संक्रमण के कारण भी बार-बार गर्भपात की समस्‍या हो सकती है.

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  • बहुत ज्‍यादा गर्म तासीर वाली चीजें खाना भी अबॉर्शन  का खतरा पैदा करता है. प्रेग्‍नेंसी के दौरान कुछ खास चीजें खाने से बचना चाहिए. इसमें गुड़, पपीता, आद‍ि शामिल है. वहीं प्रॉसेस्‍ड फूड या बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए. क्‍योंकि इनसे फूड प्‍वाइजनिंग हो सकती है और अबॉर्शन हो सकता है.
  • यूट्रेस का आकार कई बार छोटा होता है. भले ही बाहर से शारीरि संरचना सही हो, लेकिन कई बार अंदरुनी गर्भाश्‍य का आकार छोटा होता है. इससे बच्‍चे को बढ़ने की जगह कम मिलती है और अबॉर्शन हो जाता है.  
  • अगर दंपति का ब्‍लड गुप पॉजिटिव और निगेटिव हो तो ऐसे में गर्भधारण तो आसानी हो जाता है ले‍किन गर्भपात की संभावना बनी रहती है. मेडिकल ट्रीटमेंट से इस समस्‍या को टाला जा सकता है. 
  • हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes) भी एक बड़ा कारण होता है अबॉर्शन के लिए. थायराइड, डायब‍िटीज, मोटापा या अन्‍य बीमार‍ियां होती हैं उनमें हार्मोन्‍स से जुड़ी समस्‍याएं होने की आशंका ज्‍यादा होती है. प्रेनगेंसी के दौरान ज्‍यादा या असामान्‍य हार्मोनल बदलाव होते हैं और ये वजह अबॉर्शन  के हो सकते हैं. 

ऐसे चलता है कारणों का पता
गर्भपात होने का पता सोनोग्राफी की मदद से लगाया जाता है. इसकी मदद से पता लगाया जाता है क‍ि गर्भ जीव‍ित है या नहीं. प्रेगनेंसी के शुरुआती 20 हफ्ते जट‍िल होते हैं और  इस दौरान गर्भपात का खतरा ज्‍यादा होता है. इसल‍िए आपको इस दौरान खास ख्‍याल रखना चाह‍िए. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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