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Diabetes Diet: ब्लड शुगर नहीं हो रहा कंट्रोल? गेहूं नहीं, हरे कटहल के आटे से बनी रोटी खाएं, भूख और डायबिटीज दोनों रहेंगे कंट्रोल

डायबिटीज में गेहूं के आटे की रोटी खाना न केवल शुगर को बढ़ा देता है, इसलिए शुगर कंट्रोल के लिए कच्चे कटहल के आटे की रोटी खाना शुरू कर दें.

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Diabetes Diet: ब्लड शुगर नहीं हो रहा कंट्रोल? गेहूं नहीं, हरे कटहल के आटे से बनी रोटी खाएं, भूख और डायब��िटीज दोनों रहेंगे कंट्रोल

jackfruit flour for diabetes

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डीएनए हिंदीः डायबिटीज रोगियों के लिए सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि वो ऐसा क्या खाएं कि उनका शुगर कंट्रोल रहे. कई तरह की सब्जियां- फल और अनाज खाना ब्लड शुगर के मरीज के लिए मना होता है, क्योंकि कुछ चीजे खाते ही ब्लड में शुगर का लेवल हाई हो जाता है. डायबिटीज रोगियों को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजें खाना मना होती हैं. 

खास कर डायबिटीज में गेहूं के आटे से बनी रोटियां खाने से मना किया जाता है क्योंकि ये शुगर को बढ़ा देती हैं. दिक्कत ये होती है कि शुगर के मरीज को भूख और प्यास दोनों ही ज्यादा लगती है, ऐसे में कम रोटी खाने  से भी भूख खत्म नहीं होती और शुगर भी इस आटे से हाई हो जाता है, तो आपकी इस समस्या का हल  हरे कटहल के आटे में छुपा है. 

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हरे कटहल का आटे की खूबियां

कच्चा हरे कटहल का आटा अपनी चीनी कम करने वाली शक्तियों से भरा होता है. हाल ही के एक अध्ययन में यह पता चला है कि मधुमेह के रोगियों के आहार में हरे कटहल के आटे को शामिल करने से फैटी लीवर की स्थिति में सुधार होता है, साथ ही एचबीए1सी के स्तर में कमी होती हैं.

बता दें कि केवल 30 ग्राम हरे कटहल के आटा को खाकर आसानी से शुगर को कम किया जा सकता है. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लूटेन फ्री होने के कारण न तो ये शुगर को ब्लड में बढ़ने देता है और न ही वेट को, यही नहीं, इसे खाने से इंसुलिन का प्रोडक्शन भी बढ़ता है. 

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इस आटे का एंटीडायबिटिक प्रभाव कैरोटेनॉयड्स, फ्लेवोनोइड्स आदि जैसे विभिन्न बायोएक्टिव फाइटोकेमिकल यौगिकों भी होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है.

इस रोटी को खाने से नहीं बढ़ेगा शुगर

 30 ग्राम हरे कटहल का आटा 50 ग्राम गेहूं, चावल या बाजरे के आटे की जगह ले सकता है. यही नहीं, 30 ग्राम हरे कटहल के आटे में 50 ग्राम गेहूं, चावल या बाजरे के आटे की तुलना में अधिक घुलनशील फाइबर होता है., सही मात्रा में सेवन करने पर हरा कटहल वजन कम कर सकता है. हालांकि इसे प्रोटीन का एक आदर्श स्रोत नहीं माना जा सकता है क्योंकि कटहल की एक सर्विंग में केवल 2.84 ग्राम प्रोटीन होता है. लेकिन आप इस आटे की रोटी के साथ पनीर या सोयाबिन खाकर इस कमी को भी पूरा कर सकते हैं.

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कटहल के आटे कैसे बनता है.

बता दें कि कटहल का आटा उसके बीज से बनता है. कटहल के आटे से केवल रोटी ही नही, डोसा या इडली बैटर या चिला तक बनाया जा सकता है. इसके आटे को बनाने के लिए कटहल के बीज को पहले उबालिये, ठंडा कीजिये, छिलके उतारिये और छोटे छोटे टुकड़े काट लीजिये. इसके बाद इसे कटहल के बीज को धूप में सूखा लें. भुने हुये बीजों को ठंडा कर लीजिये और ग्राइंडर में इनका बारीक आटा बना लीजिये.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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