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बुझेगी नहीं Amar Jawan Jyoti, मिल जाएगी National War Memorial की लौ से

इंडिया गेट की 'अमर जवान ज्योति' को नेशनल वॉर मेमोरियल के मुख्य स्मारक-स्तम्भ में मौजूद अमर चक्र के मध्य की ‘अमर जवान ज्योति’ के साथ मिला दिया गया है.

बुझेगी नहीं Amar Jawan Jyoti, मिल जाएगी National War Memorial की लौ से
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डीएनए हिंदी : अमर जवान ज्योति के नाम पर कई तरह की बातें और अफ़वाहें चल रही हैं. कई लोगों का कहना है कि इसे हमेशा के लिए बुझाया जा रहा है. आइए इन अफवाहों की हकीकत की पड़ताल करते हैं...

अमर जवान ज्योति और नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ अब एक होने जा रही हैं

अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में दी गई श्रद्धांजलि थी किंतु यह थोड़ी अजीब बात थी कि उस जगह पर उक्त युद्ध में शहीद किसी भी सैनिक का नाम मौजूद नहीं था. 

इंडिया गेट पर उकेरे गए नामों में केवल उन शहीद सैनिकों के नाम हैं जो अंग्रेज़ों के ज़माने में शहीद हुए थे.इंडिया गेट (India Gate) का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था और यह 1931 में बनकर तैयार हुआ था. इसे तब ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल का नाम दिया गया था. इसमें छोटे अक्षरों में लगभग 13,000 भारतीय सैनिकों के नाम खुदे हुए हैं जिनमें से अधिकांश ने या तो विश्व युद्ध 1 में अंग्रेज़ों की ओर से लड़ाई की या फिर एंग्लो-अफग़ान युद्ध में शरीक हुए. 

यहां सभी युद्धों में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की निशानी 

2019 में दिल्ली में बनकर तैयार हुआ नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) तमाम युद्धों में शहीद हुए भारतीय सैनिकों का स्मरण करता है. यह 1971, उससे पहले और बाद में सभी युद्धों के शहीद सैनिकों  के प्रति श्रद्धांजलि है और उन सबके नाम यहां वर्णित हैं. नेशनल वॉर मेमोरियल(National War Memorial) के उद्घाटन के वक़्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेन्स स्टाफ़ और सेना के तीनों अंगो के प्रमुखों के साथ नेशनल वॉर मेमोरियल के मुख्य स्मारक-स्तम्भ में मौजूद अमर चक्र के मध्य ‘अमर जवान ज्योति’ (Amar Jawan Jyoti) प्रज्ज्वलित की थी. इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति को इसी ज्योति के साथ मिला दिया गया है.

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