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New Year 2023: नए साल पर फ्री शॉपिंग वाली लॉटरी से रहें सावधान, साइबर ठग खराब कर देंगे आपका न्यू ईयर

नए साल पर साइबर ठग, इंटरनेट पर तरह-तरह के ऑफर लेकर आते हैं. जरा सी असावधानी, आपके बैंक खाते में जमा सारी धनराशि खत्म कर सकती है.

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 New Year 2023: नए साल पर फ्री शॉपिंग वाली लॉटरी से रहें सावधान, साइबर ठग खराब कर देंगे आपका न्यू ईयर

New Year 2023 में भी साइबर अपराधियों की है आपके बैंक खाते पर नजर.

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डीएनए हिंदी: नए साल पर ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर तरह-तरह के आकर्षक ऑफरों की भरमार होती है. बाइ वन गेट वन फ्री से लेकर किसी प्रोडक्ट्स के आधे दाम तक की बातें खूब की जाती हैं. इन्हीं प्लेटफॉर्म्स की डमी वेबसाइट्स बनाकर ठगने का काम भी साइबर ठग, ऐसे फेस्टिव सीजन में करते हैं. फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर या किसी दूसरे सोशल नेटवर्किंग साइट पर ठगों की नजर होती है. किसी ग्रुप में बंपर ऑफर वाला लिंक शेयर करके साइबर ठग मासूम लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं. आप भूलकर भी ऐसे झांसे में न फंसे, वरना कंगाल हो सकते हैं. आइए सबसे पहले समझते हैं ठगों के काम करने का तरीका क्या है.

साइबर ठगों के काम करने के कुछ सिंपल से तरीके हैं, जिसमें आम आदमी फंस जाता है. जैसे, 'बधाई हो नए साल पर आप जीते हैं 20 लाख, इस नंबर पर कॉल करके रकम ले जाएं. 'नए साल पर जियो दे रहा फ्री रिचार्ज', नए साल पर मुफ्त में पाएं iPhone, नए साल पर आपने जीता है मुफ्त विदेश घूमने का कूपन.' 

आमतौर पर ऐसे ऑफर्स के साथ एक नंबर दिया गया होता है जिस पर कॉल करने को कहा जाता है. नंबर न हो तो एक लिंक दिया जाता है, जिसमें पैन, आधार, फोन नंबर जैसे डीटेल्स मांगे जाते हैं. इन्हें फिशिंग लिंक भी कहा जाता है. भूलकर भी इसके झांसे में न आएं. ऐसा कोई ऑफर कहीं से भी नहीं निकलता है. ये साइबर अपराधियों का जाल है, जिसमें भूलकर भी न फंसे.

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साइबर क्राइम किसे कहते हैं?

साइबर क्राइम ऐसी क्रिमिनल एक्टिविटी है जिसमें कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क के जरिए ठगी की जाती है. साइबर अपराधी इसके जरिए प्राइवेसी से लेकर पैसे तक उड़ा ले जाते हैं. डेटा हैकिंग, फिशिंग मेल, ओटीपी फ्रॉड और मोबाइल फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन जैसे तमाम अपराध हैं जिन्हें साइबर अपराधी अंजाम देते हैं. साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां दोनों देखती हैं.

अगर ठगी का शिकार हों तो क्या करें?

अगर आप किसी भी तरह के साइबर क्राइम का शिकार होते हैं तो www.cybercrime.gov.in लिंक पर जाकर अपनी शिकायत रजिस्टर करा सकते हैं. पुलिस स्टेशन में जाकर आप साइबर सेल में भी अपने खिलाफ हुई धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दे सकते हैं. साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 155260 पर की जा सकती है.बैंक अकाउंट से जुड़े फ्रॉड के मामले भी यहीं दर्ज कराए जा सकते हैं. 

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साइबर सेल में कैसे करें शिकायत?

अगर आपके साथ बैंकिंग फ्रॉड हुआ है तो अपना बैंक अकाउंट, ट्रांजैक्शन डीटेल्स और अपने बैंक कार्ड से संबंधित विवरण पुलिस को दें. अगर आपके पास सबूत के तौर पर स्क्रीन शॉट्स हैं तो उन्हें भी दें. जैसे ही आप ऑनलाइन कंप्लेन दर्ज कराते हैं आपकी एक आईडी क्रिएट होती है. आईडी और पासवर्ड याद रखें. पुलिस बैंक से संपर्क करती है. कई मामलों में पैसे रिकवर हो जातें है, कई मामलों में ऐसा कर पाना नामुमकिन हो जाता है.

कैसे साइबर ठगों पर कसें शिंकजा?

साइबर क्राइम से जुड़े ज्यादातर मामले IT एक्ट 2000 के तहत चलते हैं. अपराधियों के खिलाफ धारा 43, 65, 66 और 67 के तहत केस चलते हैं. IPC की धारा 420, 120बी और 406 के तहत भी केस चल सकता है.

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क्या बैंकिंग फ्रॉड के शिकार लोग वापस पा सकते हैं पैसे?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक अगर आप बैंकिंग फ्रॉड के शिकार हुए हैं तो 90 दिनों के भीतर संबंधित बैंक को अपने साथ हुई घटना के बारे में सूचित करें. कैसे फ्रॉड हुआ है, इसकी जानकारी बैंक को जरूर दें. अगर आपकी लापरवाही की वजह से पैसे नहीं कटें हैं तो पूरा पैसा बैंक रिफंड करने के लिए बाध्य है. अगर आपके ओटीपी या जरूरी विवरण शेयर करने की वजह से फ्रॉड हुआ है तो जितनी रकम गई है उसे बैंक रिफंड करे यह जरूरी नहीं है. बैंक को सूचना देने के बाद भी अगर फ्रॉड होता है तब आपके पैसे रिफंड हो सकते हैं. 

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?

सोशल मीडिया पर अपनी गोपनीय जानकारियां कभी न शेयर करें. किसी भी स्थिति में ओटीपी किसी के साथ शेयर न करें. एक ओटीपी शेयर करने की वजह से आप कंगाल हो सकते हैं. ऐसे कई मामले आए हैं जब लोगों ने ओटीपी और बैंकिंग विवरण शेयर कर लाखों गंवाए हैं. डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का पिन, सीवीवी नंबर किसी के साथ शेयर न करें. आधार और पैन कार्ड के विवरण भी किसी से शेयर न करें.

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साइबर अपराधों से बचने के लिए लोगों को ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है. समय-समय पर अपने बैंक से साइबर अपराधों से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी हासिल करते रहें. जागरूकता ही फ्रॉड से बचने में मदद कर सकती है.

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