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Zero Shadow Day: आज के दिन ​होगा ऐसा कमाल, गायब हो जाएगी सबकी परछाईं, जानिए कैसे

Zero Shadow Day: कभी-कभी ऐसा भी होता है कि एक खास इलाके में आने वाली सभी चीजों की परछाई ही गायब हो जाती है. इसे जीरो शैडो डे कहा जाता है.

Zero Shadow Day: आज के दिन ​होगा ऐसा कमाल, गायब हो जाएगी सबकी परछाईं, जानिए कैसे

Zero Shadow Day

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डीएनए हिंदी: धरती पर मौजद हर चीज पर सूरज या चांद की रोशनी पड़ने पर उसकी एक परछाईं बनती है. दूसरी किसी रोशनी से भी परछाईं बनती है. आज के दिन कुछ इलाकों में किसी की कोई परछाईं ही नहीं बनेगी. 18 अगस्त को बेंगलुरु में ऐसा होने जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि इसी साल बेंगलुरु में यह दूसरी बार होने जा रहा है, जबकि यह काफी दुर्लभ घटना होती है. इसी साल अप्रैल महीने में भी यह जीरो शैडो डे हुआ था और उस दिन भी लोगों की परछाईं गायब हो गई थी. लोगों ने धूप में निकलकर इसे अपनी आंखों से देखा भी कि वे खड़े तो थे लेकिन जमीन पर उनकी परछाईं नहीं दिख रही थी.

बेंगलुरु में इस बार 18 अगस्त को दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट पर ऐसा होगा. इस समय पर धरती पर खड़े पेड़-पौधों, इमारतों, बिजली के खंबो या इंसानों की भी कोई परछाईं नहीं दिखेगी. बता दें कि ट्रॉपिक ऑफ कैंसर और ट्रॉपिक ऑफ कैप्रीकॉर्न के बीच आने वाले कुछ इलाकों में यह जीरो शैडो डे साल में दो बार होता है और इसी तरह से परछाईं गायब हो जाती है.

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कैसे होता है यह अजूबा?
दरअसल, किसी भी व्यक्ति, वस्तु या इमारत की परछाईं बनने के लिए जरूरी है कि उस पर रोशनी पड़े. रोशनी के लिए भी एक शर्त यह है कि इसे एक खास कोण से आना चाहिए जिससे यह अपने बैकग्राउंड पर उस रोशनी को पहुंचने से रोक ले. अब अगर यही रोशनी बिल्कुल सीधी पड़े तो परछाईं नहीं बनती है. उदाहरण के लिए- दीपक की रोशनी उसके नीचे नहीं पहुंचती है क्योंकि दीपक की लौ ठीक उसके ऊपर जल रही होती है. अगर यही दीपक तिरछा कर दिया जाए तो उन इलाकों में भी रोशनी पहुंच जाएगा जहां पहले अंधेरा होगा.

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ठीक इसी तरह जीरो शैडो डे में सूरज की रोशनी किसी इंसान या वस्तु पर बिल्कुल सीधी पड़ती है और उसकी परछाईं जमीन पर नहीं दिखती. इसी साल 18 अप्रैल को भी बेंगलुरु में ऐसा हुआ था. हैदराबाद में 9 मई और 3 अगस्त को जीरो शैडो डे हो चुका है.

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