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सेकंड डोज के 6 महीने बाद ही लग सकेगी Booster Dose, जल्द बदल सकता है नियम

Covid in India: केंद्र सरकार बूस्टर डोज को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है. शुक्रवार को इस मामले में अहम बैठक होनी है.

सेकंड डोज के 6 महीने बाद ही लग सकेगी Booster Dose, जल्द बदल सकता है नियम

बूस्टर डोज को लेकर जल्द नियम बदला जा सकता है.

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डीएनए हिंदीः देश में कोरोना (Corona) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन को सबसे बड़ी हथियार बताया जा रहा है. सरकार जल्द ही वैक्सीन (Vaccine) की दूसरी डोज और बूस्टर डोज (Booster Dose) के बीच के गैप को कम करके 6 महीने कर सकती है. अभी तक यह गैप 9 महीने का है. 

कल होनी है अहम बैठक  
नेशनल इम्यूनाइजेशन टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) की 29 अप्रैल को बैठक होनी है. इस बैठक में एडवाइजरी ग्रुप दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच के समय को कम करने की सिफारिश कर सकता है. दरअसल पिछले दिनों ICMR और इंटरनेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूशन ने इस बात को लेकर एक सुझाव दिया था कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के 6 महीने बाद शरीर में एंटीबॉडी स्तर कम हो जाता है. अगर ऐसे वक्त में बूस्टर डोज दी जाए तो इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ जाता है. 

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10 जनवरी से लग रही बूस्टर डोज
देश में 10 जनवरी को हेल्थ केयर, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के बीमार व्यक्तियों को बूस्टर डोज की अनुमति दी थी. सरकार ने इसी महीने 18 साल से ऊपर के सभी व्यक्तियों को बूस्टर डोज की अनुमति दे दी है. 

क्या होती है बूस्टर डोज? 
सामान्य वैक्सीन से अलग बूस्टर डोज किसी खास रोगाणु अथवा विषाणु के खिलाफ लड़ने में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता और मजबूत करता है. यह बूस्टर डोज उसी वैक्सीन की हो सकती है जिसे व्यक्ति ने पहले लिया है. इसे शरीर में और ज्यादा एंटीबॉडीज का निर्माण करते हुए प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने के लिए लगाया जाता है. सामान्य भाषा में कहें तो बूस्टर डोज शरीर की प्रतिरधक क्षमता को यह याद दिलाता है उसे किसी खास विषाणु से लड़ने के लिए तैयार रहना है.  

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किसे दी जाती है बूस्टर डोज
बूस्टर डोज उन सभी लोगों को दी जा सकती है जिन्होंने इससे पहले उस वैक्सीन की कोई सामान्य डोज ली हो. हालांकि इसे केवल उन्हीं लोगों को दिया जाता है जिन्होंने अपने टीके की खुराक पूरी कर ली है. भारत में पहले बुजुर्गों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है. 

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